Baloda Bajar Violence: छत्तीसगढ़ का बलौदा बाजार रविवार को हिंसा की आग में जलता रहा। बेकाबू भीड़ ने जमकर पथराव और आगजनी की। सतनामी समाज के लोगों ने कलेक्टर भवन में आग लगा दी। भीड़ ने 100 से अधिक गाड़ियों में आग लगा दी, जिला पंचायत भवन और तहसील ऑफिस में तोड़फोड़ की। पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो उनके ऊपर पथराव किया गया, जिसमें कई पुलिस वाले घायल भी हो गए।
प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिस प्रशासन पूरी तरह से बेबस और लाचार नजर आ रहा था। प्रदर्शनकारी एक-एक करके गाड़ियों में आग लगा रहे थे और कार्यालयों में घुसकर दस्तावेजों को फाड़ रहे थे। उग्र भीड़ का रौद्र रूप देखकर पुलिसकर्मी भी जानबचाकर भाग खड़े हुए। बलौदा बाजार के एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि सतनामियों ने पुलिस को लिखित में प्रदर्शन की जानकारी दी थी। हालांकि उन्होंने ये कहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा। लेकिन 5 हजार से अधिक लोगों ने जमकर बवाल काटा। इस हिंसा में 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। शहर में धारा 144 लगा दी गई है।
बता दें कि बलौदा बाजार के महकोनी में संत अमरदास की तपोभूमि है। यहां पर 15 मई को कुछ असामाजिक तत्वों ने सतनामी समाज के पवित्र प्रतीक जैतखाम को काट दिया था। सतनामी समाज में जैतखाम को पवित्र चिन्ह माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है। सतनामी समाज ने इस घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। सोमवार को सतनामी समाज ने इस घटना के विरोध में रैली निकाली। प्रदर्शनकारी ने कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचकर पूरे एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया था।
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