गाजियाबाद में मंदिर पर भीड़ ने किया हमला, मची भगदड़, लाठी चार्ज

नई दिल्ली: महंत यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। रविवार को गाजियाबाद के डासना मंदिर में 36 बिरादरियों की महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें इस मुद्दे पर कोई निर्णय लिया जाना था। हालांकि पुलिस ने महापंचायत की अनुमति नहीं दी और इसके नेताओं को […]

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गाजियाबाद में मंदिर पर भीड़ ने किया हमला, मची भगदड़, लाठी चार्ज

Yashika Jandwani

  • October 13, 2024 4:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: महंत यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। रविवार को गाजियाबाद के डासना मंदिर में 36 बिरादरियों की महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें इस मुद्दे पर कोई निर्णय लिया जाना था। हालांकि पुलिस ने महापंचायत की अनुमति नहीं दी और इसके नेताओं को पहले ही हिरासत में ले लिया। वहीं मंदिर के बाहर कड़ी सुरक्षा के तहत बैरिकेडिंग कर दी गई और जिले में CRPC की धारा 144 लागू कर दी गई। कुछ लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिली, जबकि बाकी को रोक दिया गया।

बैरिकेड तोड़ने की कोशिश

रोक के बावजूद लगभग एक हजार लोग और भाजपा विधायक नंदकिशोर अपने समर्थकों के साथ मंदिर में प्रवेश का प्रयास करने लगे। इस दौरान जब लोगों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, तो पुलिस और समर्थकों के बीच टकराव हो गया। वहीं पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया। इस घटना के विरोध में विधायक नंदकिशोर अपने समर्थकों के साथ हाईवे-9 पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी।

सात दिनों से लापता महंत

DCP ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि महापंचायत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली से लोग पहुंचे थे। वहीं 50 से अधिक संतों का समूह पहले ही डासना मंदिर पहुंच चुका था। पुलिस द्वारा मंदिर में प्रवेश न मिलने पर संतों ने वहीं महापंचायत करने का ऐलान किया। बता दें यति नरसिंहानंद पिछले सात दिनों से लापता हैं और उनके समर्थक पुलिस पर उन्हें गायब करने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि पुलिस भी महंत की तलाश में जुटी है। 29 सितंबर को यति नरसिंहानंद ने गाजियाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय ने विरोध जताते हुए FIR दर्ज कराई थी।

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