केदारनाथ पर संकट, करीब 150 शहरों पर लैंडस्लाइड का खतरा!

नई दिल्ली: उत्तराखंड में जोशीमठ को तबाह करने वाले भूस्खलन से देश के कमोबेश 147 जिले खतरे में हैं। सबसे अधिक भूस्खलन का जोखिम रुद्रप्रयाग जिले में है जहां बाबा केदारनाथ धाम स्थित है। इसके साथ ही जिले का नाम टिहरी भी अति संवेदनशील जिलों में से एक है। हैदराबाद स्थित इसरो नेशनल रिमोट सेंसिंग […]

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केदारनाथ पर संकट, करीब 150 शहरों पर लैंडस्लाइड का खतरा!

Amisha Singh

  • March 11, 2023 9:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: उत्तराखंड में जोशीमठ को तबाह करने वाले भूस्खलन से देश के कमोबेश 147 जिले खतरे में हैं। सबसे अधिक भूस्खलन का जोखिम रुद्रप्रयाग जिले में है जहां बाबा केदारनाथ धाम स्थित है। इसके साथ ही जिले का नाम टिहरी भी अति संवेदनशील जिलों में से एक है। हैदराबाद स्थित इसरो नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) की ताजा ‘लैंडस्लाइड एटलस’ रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

 

1. क्या कहती रिपोर्ट

 

इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के सभी 13 जिले संवेदनशील हैं। भूस्खलन की मार झेल रहा चमोली जिला इस सूची में 19वें स्थान पर है। वैज्ञानिक चमोली जिले के जोशीमठ में भूस्खलन की तकनीकी जाँच कर रहे हैं। इस लिस्ट में उत्तराखंड के अलावा केरल, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के शहर भी टॉप 10 में शामिल हैं।

2. उत्तराखंड के जिले बेहद संवेदनशील

भूस्खलन के मामले में उत्तराखंड बेहद संवेदनशील राज्य है। स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 से 2021 के बीच उत्तराखंड में भूस्खलन की 253 घटनाएं हुईं। इन हादसों में 127 लोगों की मौत हो गई।

3. भूस्खलन के लिहाज़ से संवेदनशील 10 जिले

लैंडस्लाइड एटलस के अनुसार, उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग और टिहरी के अलावा, भूस्खलन की चपेट में आने वाले अन्य जिलों में केरल में त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, जम्मू-कश्मीर में राजौरी और पुलवामा, सिक्किम में दक्षिण सिक्किम और पूर्वी सिक्किम शामिल हैं।

 

 

4. साल 2013 में हुई थी केदारनाथ आपदा

रुद्रप्रयाग, जो सबसे अधिक भूस्खलन वाले जिलों की सूची में सबसे ऊपर है, को लगभग 10 साल पहले एक भयानक आपदा का सामना करना पड़ा था। 2013 में केदारनाथ में भयानक आपदा आई थी जिसमें हजारों लोग मारे गए थे। नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, रुद्रप्रयाग के सिरोबगड और नारकोटा क्षेत्र भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित हैं। साल भर यहां से भूस्खलन की खबरें आती रहती हैं, जबकि मानसून के दौरान भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ जाती हैं।

 

5. हिमाचल के 12 में से 11 जिलों पर खतरा

तमाम रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के 12 में से 11 जिले 147 जिलों में शामिल हैं। हिमाचल में मंडी जिला भूस्खलन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है। भूस्खलन जोखिम सूची में जिला देश में 16वें स्थान पर है। जबकि हमीरपुर 25वें, बिलासपुर 30वें, चंबा 32वें, सोलन 37वें, किन्नौर 46वें, कुल्लू 57वें, शिमला 61वें, ऊना 70वें और सिरमौर 88वें स्थान पर है। बहुत कम जनसंख्या घनत्व वाले हिमाचल के सिरौमार लाहौल स्पीति जिले को 126वें स्थान पर रखा गया है।

 

6. जम्मू-कश्मीर के इन जिलों का बुरा हाल

इसके अलावा भूस्खलन-प्रवण जिलों की सूची में जम्मू और कश्मीर के 14 जिले हैं, जो हिमालयी राज्यों का हिस्सा हैं। इनमें राजौरी और पुंछ टॉप-10 में शामिल हैं। इनके अलावा जम्मू 14वें, उधमपुर 17वें और पुलवामा 27वें स्थान पर है।कठुआ (42), अनंतनाग (52), बारामुला (58), दोजा (79), श्रीनगर (98), बडगाम (119), कारगिल के नाम (132) और लेह लद्दाख (136) इस सूची में शामिल हैं।

 

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