नई दिल्लीः मध्य प्रदेश में त्योहारों को लेकर बवाल मचा हुआ है। मोहन यादव सरकार के एक आदेश पर विपक्ष ने उन्हें ढ़ोंगी करार दिया है। मध्य प्रदेश सरकार ने गोवर्धन पूजा पर कार्यक्रम का आयोजन और सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का आदेश दिया है। प्रदेश में पहली बार सरकारी स्तर पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जा रहा है।मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा करने का निर्देश दिया।
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह महज दिखावा है, क्योंकि प्रदेश में पहले से ही गोवर्धन पूजा हो रही है। कांग्रेस ने गौशालाओं की खराब स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता इनका सही तरीके से संचालन होना चाहिए।
कांग्रेस ने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि गायें सड़क पर मर रही हैं और दूसरी तरफ सरकार गोवर्धन पूजा करने का ढोंग कर रही है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि सरकार के फैसले का कोई मतलब नहीं है। शस्त्र पूजा का फैसला भी समझ से परे है और यही हाल गोवर्धन पूजा का भी है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रदेश में गौशालाओं की हालत खराब है, गायें सड़क पर मर रही हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस के एक अन्य नेता मुकेश नायक ने भी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार ने अपने कार्यकाल में गौशालाएं बनवाई थीं, लेकिन अब उनकी हालत खराब है। सरकार गौशालाओं की सुध नहीं ले रही है और गोवर्धन पूजा का ढोंग कर रही है।
आरिफ मसूद के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस फैसले को लेकर सीएम मोहन यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि क्या गोवर्धन पूजा सिर्फ मुख्यमंत्री मोहन यादव के आदेश पर मनाई जाएगी। यह पूजा सदियों से मनाई जाती रही है और इस बार भी मनाई जाएगी।
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