Covid Vaccination Fraud Case : मृतकों के नाम पर कोरोना टीका रजिस्टर, गुजरात में टीकाकरण के नाम पर बड़ा घोटाला

Covid Vaccination Fraud Case : एक तरफ देश कोरोना वैक्सीन कमी से जूझ रहा है, वही एक राज्य से ऐसी खबर सामने आ रही है जहां पर मुर्दो को वैक्सीन लगाया जा रहा है.कोरोनावायरस महामारी के बीच टीका लगवाना खुशी की बात है, लेकिन क्या होगा यदि टिका लेने वाला वह है जिसकी तीन साल पहले मृत्यु हो गई हो? अब तक गुजरात के विभिन्न हिस्सों से मृत लोगों को वैक्सीन लाभार्थी घोषित किए जाने के ऐसे 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.

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Covid Vaccination Fraud Case : मृतकों के नाम पर कोरोना टीका रजिस्टर, गुजरात में टीकाकरण के नाम पर बड़ा घोटाला

Aanchal Pandey

  • June 2, 2021 1:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली. एक तरफ देश कोरोना वैक्सीन कमी से जूझ रहा है, वही एक राज्य से ऐसी खबर सामने आ रही है जहां पर मुर्दो को वैक्सीन लगाया जा रहा है.कोरोनावायरस महामारी के बीच टीका लगवाना खुशी की बात है, लेकिन क्या होगा यदि टिका लेने वाला वह है जिसकी तीन साल पहले मृत्यु हो गई हो? यह सुनकर चौंकना और स्तब्ध होना स्वाभाविक है, शायद इसके बाद विश्वास न हो. लेकिन गुजरात में  ऐसी ही घटना सामने आ रही है. राज्य 10 ऐसे लोगों की कोरोना टीका दिया जा चुका है जिसकी मौत कुछ साल पहले हो गई है.

पहला मामला दिवंगत हरदासभाई करिंगिया के परिवार के सदस्यों के लिए, यह स्थिति थी जब उन्हें एक एसएमएस मिला जिसमें कहा गया था कि उनकी मृत्यु के लगभग तीन साल बाद 3 मई को उन्हें टीका लगाया गया है. गुजरात के उपलेटा निवासी हरदासभाई करिंगिया की 2018 में मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु के बाद, उनके परिवार के सदस्यों ने संबंधित विभाग से उनका मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया. लेकिन तीन साल बाद, उन्हें बताया गया कि उन्हें कोविड -19 के खिलाफ टीका लगाया गया है और यहां तक ​​​​कि टीकाकरण प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है.

Covid Vaccination Fraud Case :

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उनके भतीजे अरविंद करिंगिया 2018 से अपना मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाते हुए कहते हैं, ”हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि यह कैसे संभव है.”

उनका कहना है कि परिवार को इसका पता तब चला जब उन्हें एक एसएमएस मिला जिसमें कहा गया था कि हरदासभाई करिंगिया को 3 मई को कोविड -19 वैक्सीन की पहली खुराक मिली है.

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब देश भर के राज्य कोविड-19 के टीकों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं. हालांकि, गुजरात में किसी मृत व्यक्ति को वैक्सीन लाभार्थी घोषित किए जाने का यह अकेला मामला नहीं है. दाहोद में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां नरेश देसाई नाम के एक व्यक्ति को हाल ही में CoWIN से एक एसएमएस मिला जिसमें कहा गया था कि उसके पिता नटवरलाल देसाई को कोविड -19 के खिलाफ टीका लगाया गया है.

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हालांकि विडंबना यह है कि नटवरलाल देसाई का 2011 में निधन हो गया था. लगभग डेढ़ महीने बाद, उनके बेटे निपुल शर्मा को एक एसएमएस मिला है जिसमें कहा गया है कि उनका कोविड -19 टीकाकरण समाप्त हो गया है और उन्हें दूसरी खुराक दी गई है. इससे नाराज परिजनों ने टीकाकरण केंद्र पर धरना दिया और मामले की पुलिस जांच की मांग की.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने अब जांच के आदेश दिए हैं. अब तक गुजरात के विभिन्न हिस्सों से मृत लोगों को वैक्सीन लाभार्थी घोषित किए जाने के ऐसे 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं.

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