Covid-19 Bhopal Hospital Situation: भोपाल अस्पताल प्रशासन कोरोना मरीज परिजनों से भरवा रहा वचन पत्र, जिसमे लिखा हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हैं. हर किसी मरीज को ऑक्सीजन लगी हुई हैं. यदि ऑक्सीजन ना मिलने पर मरीज के साथ अप्रिय जनक घटना हो जाती है तो उसके लिए अस्पताल प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.
भोपाल/ कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती जा रही हैं, और मरीज दिन प्रतिदिन दस हजार से ज्यादा नए मामले सामने आते जा रहे हैं. रोजाना एक के बाद रिकॉर्ड टूटता जा रहा हैं. अस्पताल प्रशासन भी अब अपन नए-नए नियम लागू करने में लगा हुआ हैं. मृतकों का आकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा हैं.
दरअसल भोपाल का अस्पताल प्रशासन मरीज के परिजनों से अब पहले से ही वचन पत्र भरवा रहा हैं. ये भोपाल के अस्पताल का कारनामा हैं. यह वचन पत्र राजेंद्र चौधरी मरीज का हैं. जो अस्पताल में भर्ती होने गया था. उस मरीज से वचन पत्र भरवाया हुआ जिसमे लिखा था कि हमारे यहां मरीज का नाम राजेन्द्र चौधरी 56 वर्ष है वार्ड में भर्ती है, एवम् मरीज को लगातार आक्सीजन लगा हुआ है, एवम् अस्पताल प्रशासन ने हमें यह बता दिया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बहुत बाधित हो रही है, एवम् हमें बता दिया गया है कि मरीज को दूसरे अस्पताल में ले जाने युक्त है. अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन की सप्लाई की जिम्मेदारी नहीं लेता है. यदि आक्सीजन शून्य पर मरीज के साथ अप्रिय जनक घटना होती है, तो अस्पताल प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.
कोरोना महामारी के कहर के बीच मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ने से भोपाल स्थित विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए जगह की कमी सहित कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल में नौ अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच में कोविड-19 से 10 लोगों की मौत हुई. बुधवार को भोपाल में 6500 सैंपल की जांच में कुल 1637 नए मरीज मिले हैं. यह भोपाल में एक दिन में मिले मरीजों का अब तक सर्वाधिक आंकडा है. इस हिसाब से भोपाल में कोरोना संक्रमण दर 25 फीसद रही. इसका मतलब है कि अब चार में से एक सैंपल पॉजिटिव आ रहा है.