पटना. इस समय पटना का एक मामला खूब चर्चा में बना हुआ है. दरअसल, पटना हाई कोर्ट ने एक महिला का घर तोड़े जाने के मामले में सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस को जमकर फटकारा है. इसी कड़ी में जस्टिस संदीप कुमार ने नाराजगी दिखाते हुए टिप्पणी की, ”बिहार पुलिस राज्य का प्रतिनिधित्व करती है […]
पटना. इस समय पटना का एक मामला खूब चर्चा में बना हुआ है. दरअसल, पटना हाई कोर्ट ने एक महिला का घर तोड़े जाने के मामले में सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस को जमकर फटकारा है. इसी कड़ी में जस्टिस संदीप कुमार ने नाराजगी दिखाते हुए टिप्पणी की, ”बिहार पुलिस राज्य का प्रतिनिधित्व करती है या फिर निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया गया है, किसी का भी घर बुलडोजर से आप तोड़ देंगे, अब क्या यहां भी बुलडोज़र चलने वाला है ?”
दरअसल, बिहार में एक महिला का बुलडोज़र से घर तोड़ने का मामला सामने आया है. इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस की फटकार लगाई है, साथ ही इस मामले में अब पटना के पुलिस अधीक्षक, अंचल अधिकारी, पटना सिटी और अगमकुआं पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को अगली सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है. क्योंकि कोर्ट ने मामले में पाया है कि पुलिस की तरफ से मामले में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और घर को अवैध तरह से तोड़ दिया गया.
बता दें कि, पटना के विजय नगर स्थित अगमकुआं पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी के खिलाफ महिला ने शिकायत की है, इस शिकायत में महिला ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि भूमि माफियाओं के कहने पर जमीन खाली करने के लिए पुलिस ने उसके परिवार के सदस्यों पर झूठा मामला दर्ज किया और फिर बुलडोज़र से उसके घर को ही तोड़ दिया, महिला का कहना है कि भू माफियाओं के कहने पर पुलिस ने उसके घर को तोड़ दिया. यह मामला 15 अक्टूबर का है और अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होनी है
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