नई दिल्ली, एक ओर कोरोना का नया वेरिएंट देश में चिंता का विषय बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. बीते 24 घंटे में राजधानी में कोरोना के 600 नए केस सामने आए हैं, हालांकि राहत की बात ये है कि […]
नई दिल्ली, एक ओर कोरोना का नया वेरिएंट देश में चिंता का विषय बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. बीते 24 घंटे में राजधानी में कोरोना के 600 नए केस सामने आए हैं, हालांकि राहत की बात ये है कि इस दौरान सिर्फ एक ही मरीज़ की कोरोना के चलते मौत हुई है. इसके साथ राजधानी में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 3.27% हो गया है.
COVID-19 | Delhi reports 600 new cases, 1 death and 516 recoveries. Positivity Rate at 3.27%
Active cases 2,590 pic.twitter.com/6UgsOzCuq2
— ANI (@ANI) July 6, 2022
सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर डोज लगाने के नियम बदल दिए हैं, अब 9 की जगह 6 महीने बाद ही लोग बूस्टर डोज़ लगवा सकेंगे. अगर आपने दूसरा डोज ले लिया है तो अब आपको बूस्टर डोज के लिए 9 महीने की बजाय बस 6 महीने ही इंतज़ार करना होगा.
सरकार की ओर से कहा गया कि 18 से 59 वर्ष के सभी लोगों को अब 9 महीने के बजाय 6 महीने बाद ही बूस्टर डोज़ लगाई जाएगी. टीकाकरण पर सरकार की सलाहकार संस्था-नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन ने वैक्सीन की दूसरी डोज़ और बूस्टर डोज के बीच के अंतर को कम करने की सिफारिश की थी.
इसके अलावा नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन यानी NTAGI ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी टीके लगाने की सिफारिशें दी हैं. NTAGI ने कहा कि 12-17 आयु वर्ग में कम टीके लग रहे हैं, वे इसमें सुधार लाने के पक्ष में हैं. इस आयु वर्ग के लोगों को 12 वर्ष की आयु वर्ग वालों की तुलना में ज्यादा खतरा है, वहीं, बूस्टर के रूप में CORBEVAX के इस्तेमाल पर NTAGI की ओर से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है.
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