अमरावती: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ग्रामीणों के पलायन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में जा रहे ग्रामीण शोषण का शिकार भी हो रहे हैं. बीते सोमवार को एक मजदूर ने बस्तर कलेक्टर को सूचना दी कि काम की खोज में गए आंध्र प्रदेश […]
अमरावती: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ग्रामीणों के पलायन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में जा रहे ग्रामीण शोषण का शिकार भी हो रहे हैं. बीते सोमवार को एक मजदूर ने बस्तर कलेक्टर को सूचना दी कि काम की खोज में गए आंध्र प्रदेश के गुंटूर में बस्तर संभाग के 25 से अधिक मजदूरों को ठेकेदार के द्वारा बंधक बना या गया है. यह सभी मजदूर गुंटूर में एक ठेकेदार के अंदर भवन निर्माण का कार्य कर रहे थे, जिनमें से बस्तर जिले का एक मजदूर सुखराम मुचाकि ठेकेदार को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा।
मजदूर सुखराम मुचाकि जब बस्तर पहुंचा तो अपने परिजनों को मजदूरों के बंधक बनाने की जानकारी दी. जिसके बाद पीड़ित बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार से मिलकर बंधक बनाए गए सभी मजदूरों को ठेकेदार के काबू से रिहा करवाने की मांग की, जिस पर बस्तर कलेक्टर ने बहुत जल्द टीम गठित कर बंधक मजदूरों को रिहा करवाने का आश्वासन दिया है।
बस्तर के रहने वाले मजदूर सुखराम मुचाकी ने कहा कि कुछ महीने पहले बस्तर जिले से पांच मजदूर भद्राचलम के एक ठेकेदार से संपर्क में आकर रोजगार के लिए गुंटूर गए हुए थे. जहां भद्राचलम के ठेकेदार ने गुंटूर के ठेकेदार से बात कराने के लिए ले गया और भवन निर्माण में मजदूरी करने के लिए एक दिन का देहाड़ी 500 देने की बात कही.
सुखराम ने कहा कि उस ठेकेदार के पास पहले ही सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर संभाग के बीजापुर से करीब 20 मजदूर काम कर रहे थे. वहीं बस्तर के पांच मजदूरों को ठेकेदार ने मजदूरी का काम दिया, लेकिन 2-3 दिन के बाद ठेकेदार ने सभी मजदूरों को पैसा देने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, सभी मजदूरोंं का बैग और मोबाइल भी ले लिया, साथ ही सभी मजदूरोंं को खाना देना भी बंद कर दिया. सुखराम ने कहा कि कई दिनों से ठेकेदार द्वारा मजदूरों का शोषण भी किया जा रहा है।
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