बीते दिनों तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने विधानसभा भंग कर दी थी, जिसके बाद यह हलचल तेज हो गई है कि राज्य में विधानसभा चुनाव कब होंगे. राव 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राज्य में चुनाव चाहते हैं. इसी को देखते हुए कांग्रेस, टीआरएस और सीपीआई ने महागठबंधन का एेलान किया है.
हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और कम्युनिस्ट पार्टी अॉफ इंडिया (सीपीआई) ने मंगलवार को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खिलाफ महागठबंधन का एेलान किया. हालांकि इस महागठबंधन का स्वरूप कैसा होगा, इस पर मंथन चल रहा है. यह पहली बार है जब टीडीपी कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी.
सीपीआई का अतीत में दोनों पार्टियों की सहयोगी रह चुकी है. मंगलवार को तेलंगाना की तीन विपक्षी पार्टियों के नेता- प्रदेश कांग्रेस कमिटी (पीसीसी) के अध्यक्ष कैप्टन उत्तम कुमार रेड्डी, तेलंगाना टीडीपी प्रेसिडेंट एल रमाना और सीपीआई के स्टेट सेक्रेटरी चडा वेंकट रेड्डी ने बंजारा हिल्स स्थित एक होटल में गठबंधन पर चर्चा की. इस बैठक में पार्टियों के कई अहम नेता भी शामिल थे.
बैठक के बाद पीसीसी के अध्यक्ष ने कहा, ”आगामी चुनावों के लिए हमने महागठबंधन बनाने का फैसला किया है. हम उसके तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं. इस महागठबंधन में हम समान विचारधारा वाली तेलंगाना जन समिति को भी लाने की कोशिश में जुटे हैं”.हालांकि कुछ वक्त से कांग्रेस और टीडीपी में गठबंधन की चर्चा थी, लेकिन मंगलवार को दोनों पार्टियों के नेताओं ने इसका खुलासा कर दिया.
8-9 सितंबर को जब सीएम चंद्रबाबू नायडू हैदराबाद आए थे, तो तेलंगाना टीडीपी नेताओं और पार्टी अध्यक्ष की उनके साथ लंबी बातचीत हुई थी. उन्होंने निर्देश दिया कि तेलंगाना में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया जाए, ताकि वोट न छिटकें, हालांकि उन्होंने सीट-शेयरिंग फॉर्म्युला तेलंगाना के टीडीपी नेताओं पर छोड़ दिया.
राजनीतिक विशेषज्ञ अखिलेश्वरी रामागौड़ ने कहा, अगर तेलंगाना में गठबंधन अमल में लाया जाता है तो इससे राष्ट्रीय स्तर पर भी महागठबंधन का रास्ता साफ होगा. उन्होंने कहा, कांग्रेस और टीडीपी के साथ आने में कोई दिक्कत नहीं है. जब यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी हाथ मिला सकते हैं तो तेलंगाना में टीडीपी और कांग्रेस क्यों नहीं?
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