Rahul Gandhi Rally in Lok Sabha Election 2019: भाजपा समेत बसपा और सपा को भी हराने के लिए तैयार राहुल गांधी का प्लान, 13 जोन में करेंगे 13 रैली

Rahul Gandhi rally in Lok Sabha Election 2019: उत्तर प्रदेश की राजनीति में चल रही लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है. एक तरफ भाजपा है तो दूसरी तरफ सपा-बसपा गठबंधन. वहीं इन दोनों को हराने के लिए कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति तैयार कर ली है. रणनीति के मुताबिक राहुल गांधी फरवरी में उत्तर प्रदेश के 13 जोन में 13 रैलियां करेंगे.

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Rahul Gandhi Rally in Lok Sabha Election 2019: भाजपा समेत बसपा और सपा को भी हराने के लिए तैयार राहुल गांधी का प्लान, 13 जोन में करेंगे 13 रैली

Aanchal Pandey

  • January 15, 2019 8:37 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. इस गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा गया. लेकिन कांग्रेस ने अब लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है. कांग्रेस ने चुनाव में भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन को हराने के लिए अपनी रणनीति के तहत राज्य को 13 जोन में बांट दिया है. इन सभी जोन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे. हर जोन में 6 लोकसभा सीटों की पहचान की जाएगी और हर जोन में एक रैली आयोजित की जाएगी. रैलियों के इस प्लान को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर ने अंतिम रूप दे दिया है.

2019 लोकसभा चुनाव कुछ ही महीनों में हैं. ऐसे में सभी पार्टियां अपने वोटरों को लुभाने के लिए प्रचार में लगी हैं. कहीं गठबंधन है तो कहीं रणनीतियां. कांग्रेस भी 13 जोन में 13 रैली करके राज्य में अपनी ताकत का अहसास करवाएगी. पहले कांग्रेस को सपा-बसपा गठबंधन में जगह मिलने की उम्मीद थी. लेकिन अब गठबंधन से बाहर छोड़े जाने के बाद कांग्रेस नए सीरे से अपनी तैयारी में जुट गई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि यूपी में कांग्रेस अकेले और मजबूती से लड़ाई लड़ेगी. सपा और कांग्रेस ने राज्य की 80 सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दोनों ही दलों ने कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली में अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का ऐलान किया है.

रविवार को यूपी कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन पर कहा कि गठबंधन से बाहर होने पर भी उनके हौसले कम नहीं हुए हैं. कांग्रेस का मानना है कि गठबंधन से बाहर रहने पर उन्हें अब पूरी 80 सीटों पर लड़ाई का मौका मिलेगा क्योंकि गठबंधन में रहते तो उन्हें कम सीटें मिलती. कांग्रेस को ये भी उम्मीद है कि उन्हें 2009 के मुकाबले इस बार सीटें दोगुना ज्यादा मिलेंगी. कांग्रेस ने साफ किया है कि धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय पार्टियों का वे स्वागत करेंगी.

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