कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक दौरे के आखिरी दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी का आइडिया न रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), न वित्त मंत्री अरुण जेटली और न उनके मंत्रालय के किसी अधिकारी का था. दरअसल यह आइडिया आरएसएस के एक पदाधिकारी का था. उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाया और पीएम ने इस पर अमल किया. बताते चलें कि अप्रैल माह तक कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों सत्ता पर काबिज होने के लिए रणनीतियां तैयार कर रही हैं.
बेंगलुरुः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मंगलवार को कर्नाटक दौरे का आखिरी दिन था. आखिरी दिन राहुल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का नाम लिए बगैर उनपर हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी का आइडिया न तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का था, न तो वित्त मंत्री अरुण जेटली का था और न ही यह वित्त मंत्रालय के किसी अधिकारी का था. यह आइडिया आरएसएस के एक पदाधिकारी का था. आरएसएस ने प्रधानमंत्री को यह आइडिया सुझाया और प्रधानमंत्री ने इस पर अमल किया.
राहुल ने यहां एचकेईएस कन्वेंशन हॉल में बोलते हुए कहा कि बीजेपी भारत की विभिन्न संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है. आरएसएस की कोशिश है कि भारत की हर संस्था में उसके लोग हो. मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि आप लोगों ने मोहन भागवत का बयान सुना होगा, उन्होंने देश के जवानों के बलिदान का अपमान किया है. मोहन भागवत को अपनी टिप्पणी के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. मंगलवार को राहुल ने अपने चार दिवसीय कर्नाटक दौरे का एक वीडियो भी ट्वीट किया. इस वीडियो के जरिए उन्होंने कर्नाटक की जनता का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया. वीडियो में राहुल की यात्रा से जुड़े कुछ प्रमुख अंश साझा किए गए हैं.
Thank you Karnataka for your warmth and affection!
Here is a short video with some of the highlights of our Yatra.#JanaAashirwadaYatre pic.twitter.com/Ad6fdjkYiC
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 13, 2018
बताते चलें कि मंगलवार को संघ प्रमुख राहुल के रडार पर इसलिए थे क्योंकि हाल में मोहन भागवत ने बिहार के मुजफ्फरपुर में दिए एक भाषण में कहा, ‘हम मिलिट्री संगठन नहीं हैं मगर मिलिट्री जैसा अनुशासन हमारे अंदर है और अगर देश को जरूरत पड़े और देश का संविधान, कानून कहे तो सेना तैयार करने को 6-7 महीने लग जाएंगे. संघ के स्वयंसेवकों को लेंगे तो तीन दिन में तैयार हो जाएगा. ये हमारी क्षमता है.’ भागवत के इस बयान को कांग्रेसी नेताओं ने सेना का अपमान बताया और देश से माफी मांगने को कहा. गौरतलब है कि अप्रैल माह तक कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों सत्ता पर काबिज होने के लिए रणनीतियां तैयार कर रही हैं.
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