नई दिल्ली: कर्नाटक की तीन सीटों पर आगामी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जिसमें संदूर, शिगगांव और चन्नापटना सीटें शामिल हैं। बता दें, 13 नवंबर को इन सीटों पर मतदान होगा और 23 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसी चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस नेता अजीम पीर खादरी […]
नई दिल्ली: कर्नाटक की तीन सीटों पर आगामी उपचुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जिसमें संदूर, शिगगांव और चन्नापटना सीटें शामिल हैं। बता दें, 13 नवंबर को इन सीटों पर मतदान होगा और 23 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसी चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस नेता अजीम पीर खादरी का बयान चर्चा में आ गया है। खादरी ने शिगगांव में आयोजित एक सम्मेलन में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि आंबेडकर बौद्ध धर्म अपनाने से पहले इस्लाम धर्म में शामिल होने का विचार कर रहे थे।
खादरी ने अपने बयान में कहा कि अगर बाबा साहेब ने बौद्ध धर्म नहीं अपनाया होता तो वे इस्लाम धर्म कबूल कर सकते थे। आगे उन्होंने बताया कि आंबेडकर के इस्लाम धर्म को अपनाने की पूरी तैयारी थी, जिससे मुसलमानों और दलितों के बीच खास संबंध दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि आज भी ऐसे स्थानों पर, जहां दलित समुदाय निवास करता है, मुस्लिम दरगाहें और अन्य धार्मिक स्थल अक्सर पास में पाए जाते हैं।
उपचुनाव में शिगगांव सीट पर कांग्रेस के यासिर अहमद खान पठान मैदान में हैं, जिनका मुकाबला बीजेपी के भरत बोम्मई से हो रहा है। हालांकि पहले कांग्रेस नेता अजीम पीर खादरी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था, लेकिन पार्टी के निर्देश पर उन्होंने नामांकन वापस ले लिया। बता दें खादरी इससे पहले जनता दल से विधायक रह चुके हैं और 1999 से 2004 तक कर्नाटक विधानसभा में सेवा दे चुके हैं। इसके बाद भी उन्होंने कई बार चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए।
इस बयान के बाद चुनावी माहौल में नया मोड़ सामने आ गया है. वहीं राजनीतिक पंडितों के अनुसार, यह बयान विभिन्न दलों के समर्थकों के बीच नए समीकरण पैदा कर सकता है। अब देखना यह है कि 13 नवंबर को होने वाले मतदान और 23 नवंबर को आने वाले नतीजे इस विवाद का क्या असर दिखाते हैं।
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