लखनऊ: सोशल मीडिया पर एक लड़की के साथ अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने डॉ. यूनुस चौधरी को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया है. हालांकि लड़की ने अभी तक इस घटना की शिकायत पुलिस-प्रशासन से नहीं की है, लेकिन बागपत में कांग्रेस जिलाध्यक्ष को खूब परेशान किया जा रहा […]
लखनऊ: सोशल मीडिया पर एक लड़की के साथ अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने डॉ. यूनुस चौधरी को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया है. हालांकि लड़की ने अभी तक इस घटना की शिकायत पुलिस-प्रशासन से नहीं की है, लेकिन बागपत में कांग्रेस जिलाध्यक्ष को खूब परेशान किया जा रहा है.
बड़ौत नगर के गुराना रोड निवासी कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. यूनुस चौधरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह एक लड़की के सामने अश्लील हरकतें कर रहे हैं। लड़की उससे छोड़ने की मिन्नत कर रही है लेकिन वह अपनी अश्लील हरकतें बंद नहीं कर रहा है। एक मिनट पांच सेकंड का वीडियो एक कमरे में बनाया गया है जो बड़ौत क्षेत्र का बताया जा रहा है और कई दिन पुराना है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही डॉ. यूनुस चौधरी का विरोधी खेमा सक्रिय हो गया. वीडियो पार्टी हाईकमान को भेजा गया, जिसके बाद जिले में बवाल शुरू हो गया.
दोपहर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया, जिसमें वायरल वीडियो से पार्टी की छवि खराब होने का हवाला देते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की जानकारी दी गयी. प्रदेश अध्यक्ष का यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया. जिलाध्यक्ष डॉ. यूनुस चौधरी का कहना है कि उनके खिलाफ साजिश के तहत वीडियो को संपादित कर वायरल किया गया है. उनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया है. आने वाले समय में वह साबित कर देंगे कि वीडियो एडिटेड है और उन पर लगे आरोप झूठे हैं. इस संबंध में उन्होंने खुद पार्टी आलाकमान से बात की थी. उन्होंने 16 वर्षों तक पार्टी जिला अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है और पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया है।
डॉ. यूनुस चौधरी ने वर्ष 2002 में बरनावा विधानसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें करीब 750 वोट मिले थे. इसके बाद उन्होंने साल 2022 में छपरौली विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें करीब 1200 वोट मिले. यानी दोनों चुनावों में पार्टी को करारी हार मिली. जिला अध्यक्ष रहते हुए डॉ. यूनुस चौधरी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य भी बन गये, जबकि जिला अध्यक्ष रहते हुए कोई सदस्य नहीं बन सकता.
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