कांग्रेस नेता ने कहा कि, लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि यह फैसला केंद्र सरकार के दबाव में दिया गया है। न्यायपालिका को कार्यपालिका से स्वतंत्र होना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 50 में इसका जिक्र है। अल्वी ने भाजपा सरकार पर धर्म के आधार पर देश को बांटने का भी आरोप लगाया और कहा कि जस्टिस नजीर को राज्यपाल बनाए जाने से लोगों की न्यायपालिका में आस्था घटी हैं।
बता दें , जस्टिस एस अब्दुल नजीर चार जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट जज के पद से रिटायर हुए है। इसके अलावा जस्टिस नजीर कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे है, जिनमें तीन तलाक, अयोध्या बाबरी विवाद प्रमुख है।
राशिद अल्वी ने कहा कि, जजों को सरकारी पदों पर नियुक्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है। रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार ने करीब 50 फीसदी रिटायर्ड जजों को सरकारी पदों पर नियुक्त किया है, इससे न्यायपालिका में लोगों का विश्वास कम हुआ है। उल्लेखनीय है कि पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी केंद्र सरकार ने राज्यसभा का सदस्य बनाया था।
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