राज्य

बजट 2018: पूर्व CM हरीश रावत ने कहा- लगता है मोदी सरकार जल्द ही मध्यावधि चुनाव करवाने जा रही है

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट पेश किया. बजट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री जेटली की तारीफ की. दूसरी ओर विपक्षी दलों के नेताओं ने बजट को लेकर पीएम मोदी और अरुण जेटली पर निशाना साधा. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बजट की घोषणा पर आशंका जताते हुए कहा, ‘अरुण जेटली जी के भाषण को मैं भाषण शब्द का जानबूझ करके उपयोग कर रहा हूं क्योंकि बजट में केवल पुरानी घोषणाओं को दोहराया गया है. लगता है मोदी सरकार जल्द ही देश में मध्यावधि चुनाव करवाने जा रही है.’ झारखंड की बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे लालू यादव के ट्विटर अकाउंट से लिखा गया है, ‘किसानों को छला जा रहा है, जवाब दो. किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया? कृषकों की आय को 2022 तक दोगुना कैसे किया जाएगा? इसका रोड मैप क्या है? सिर्फ हवाई बातों और मुंह जुबानी खर्च से आय दोगुनी हो जाएगी क्या? किसानों की आत्महत्या क्यों नहीं रूक रही? जनता ने बहुमत 2019 तक दिया था ना कि 2022 तक. बड़ी चालाकी से अपनी विफलताओं और जवाबदेही को 2022 पर फेंक रहे हैं. बड़ा छाती कूटकर 60 दिन मांग रहे थे, 60 दिन.’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, ‘गरीब, किसान, मजदूर को निराशा, बेरोजगार युवाओं को हताशा. कारोबारियों, महिलाओं, नौकरीपेशा और आम लोगों के मुंह पर तमाचा. ये जनता की परेशानियों की अनदेखी करने वाली अहंकारी सरकार का विनाशकारी बजट है. आखिरी बजट में भी भाजपा ने दिखा दिया कि वो केवल अमीरों की हिमायती है. अब जनता जवाब देगी.’ कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि ये बजट किसानों के साथ छलावा है. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बजट पर पीएम मोदी और अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा कि जेटली राजकोषीय मजबूती की परीक्षा में फेल हो गए. इसके परिणाम भी जल्द सामने आएंगे. चिदंबरम ने आगे कहा कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य GDP का 3.2 फीसदी रखा गया था लेकिन इसके 3.5 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि केंद्र सरकार के इस बजट से निराशा हुई है. इसमें आम आदमी के लिए कुछ नहीं है. मिडिल क्लास को टैक्स में राहत नहीं दी गई. नई नौकरियों पर सरकार के कदम ठोस नजर नहीं आते हैं. प्राकृतिक आपदा (ओखी तूफान से प्रभावित) लोगों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई और न ही डिफेंस सेक्टर के लिए यह बजट प्रभावी है. थरूर ने कहा कि बजट की में एक खास बात जरूर है और वो यह है कि इसमें हेल्थ इंश्योरेंस की बात कही गई है लेकिन बजट फिगर में इसमें विभिन्नताएं हैं. थरूर ने आगे कहा कि फसल बीमा योजना की हकीकत से सभी वाकिफ है, क्या ये सरकार का एक और जुमला है?

अरुण जेटली के बजट से भड़का भारतीय मजदूर संघ, शुक्रवार को देश भर में प्रदर्शन

 

Aanchal Pandey

Recent Posts

UP पुलिस कांस्टेबल भर्ती रिजल्ट के लिए इंतजार खत्म, इस दिन होगा घोषित

60244 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा का परिणाम 21 नवंबर 2024, गुरुवार को जारी…

6 minutes ago

झारखंड चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री! रांची और कराची के नाम पर मांगा वोट

कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए गिरिराज सिंह ने…

13 minutes ago

भारत ने पाकिस्तान को फिर सिखाया सबक, बिछ जातीं लाशें…

भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा संघर्ष हुआ है, जिसमें भारत ने एक बार फिर…

25 minutes ago

जनता पिस रही है… दिल्ली में प्रदूषण पर भड़के लोग, iTV सर्वे में BJP-AAP दोनों को लताड़ा!

देश की राजधानी दिल्ली इस वक्त प्रदूषण की भयंकर मार से जूझ रही है. दिल्ली…

29 minutes ago

ईद और होली पर होगा सलमान खान का कब्ज़ा, मचाएंगे गदर

सलमान खान और फिल्म की लीड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना ने 'सिकंदर' के लिए दो गाने…

29 minutes ago

होश में रहो ओवैसी, ज्यादा उड़ोगे तो 5 मिनट में… AIMIM प्रमुख को मिली सीधी धमकी!

संत कह रहे हैं कि ओवैसी 15 मिनट मांग रहे हैं. हमारे लिए तो सिर्फ…

45 minutes ago