MP : कांग्रेस कर रही ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की राजनीति ? क्या है मुसलमानों की राय

भोपाल : मध्यप्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा का चुनाव होने वाला है. मौजूदा समय में प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और सीएम शिवराज सिंह चौहान हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में लग गई है. वहीं कांग्रेस के नेता भी प्रचार-प्रसार जोर-शोर से कर रहे है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हिमाचल […]

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MP : कांग्रेस कर रही ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की राजनीति ? क्या है मुसलमानों की राय

Vivek Kumar Roy

  • June 19, 2023 9:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

भोपाल : मध्यप्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा का चुनाव होने वाला है. मौजूदा समय में प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और सीएम शिवराज सिंह चौहान हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में लग गई है. वहीं कांग्रेस के नेता भी प्रचार-प्रसार जोर-शोर से कर रहे है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हिमाचल और कर्नाटक की तरह ही प्रचार का आगाज किया. प्रियंका गांधी ने जबलपुर से चुनाव प्रचार शुरू किया. जबलपुर में नर्मदा तट पर विधि-विधान से पूजा अर्चना की. यहां भी हिमाचल और कर्नाटक की तरह प्रियंका ने जनता से 5 वादे किए. यानी कांग्रेस मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व का रूख चुन लिया है.

40 से अधिक प्रकोष्ठों का किया गठन

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले 40 से अधिक प्रकोष्ठों का गठन किया है. इस प्रकोष्ठ में ‘मठ मंदिर प्रकोष्ठ ‘, पुजारी प्रकोष्ठ और धार्मिक प्रकोष्ठ शामिल है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि पुजारियों का मानदेय बढ़ाया जा सकता है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने को सबसे बड़े हनुमान भक्त के तौर पर पेश कर रहे है. कमलनाथ अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में हनुमान जी की 101 फीट ऊंची प्रतिमा लगवाने में विशेष योगदान दिया था. इस क्षेत्र में कमलनाथा का बहुत दबदबा है, यहां से वे 10 बार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव जीते है.

मुस्लिम छोड़ सकते है कांग्रेस का साथ ?

मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस ही दो प्रमुख पार्टियां है. इन दोनों पार्टियों के अलावा कोई भी क्षेत्रीय पार्टी का दबदबा नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व को देखने के बाद भी मुस्लिम समुदाय के लोग कांग्रेस का साथ नहीं छोड़गें. बता दें कि मध्यप्रदेश में मुसलमानों की आबादी कम है और कांग्रेस भी अब धीरे-धीरे मुसलमानों को कम टिकट दे रही है. वहीं कुछ राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस अब चुनाव में मुसलमानों का नाम लेने से डर रही है. अब ये देखना होगा कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कितने मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारती है.

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