नई दिल्ली : महाराष्ट्र में 2 जुलाई से राजनीतिक उथल-पुथल जारी है. आज उद्धव गुट की नीलम गोर ने शिवसेना (यूबीटी) का साथ छोड़ दिया है. नीलम गोरे विधानपरिषद की उपसभापति है. बीते रविवार यानी एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया है इसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल सा आ गया. सभी पार्टियों ने महाराष्ट्र में नेताओं की बैठक बुलाई और आगे की रणनीति पर चर्चा की. 6 जुलाई को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने दिल्ली में नेताओं की बैठक बुलाई थी. इसी के देखते हुए कांग्रेस ने भी दिल्ली में 14 जुलाई को अपने नेताओं की बैठक बुलाई है.
बता दें कि मुंबई के सियासी गलियारों में इस वक्त राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ आने की अटकलें तेज हैं. गुरुवार को मनसे नेता अभिजीत पानसे ने शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद से ही महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के बीच गठबंधन की चर्चा तेज हो गई. राज्यसभा सांसद संजय राउत को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का काफी करीबी माना जाता है.
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने राज और उद्धव के साथ आने की अटकलों पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों भाई हैं. अगर उनके बीच कोई बातचीत होनी होगी तो किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं पड़ेगी. मनसे से गठबंधन के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं आया है.
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