लखनऊ। गोरखपुर के गीता प्रेस को लेकर सियासत लगातार जारी है. इसको सरकार द्वारा साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. अब इस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है. सीएम योगी ने कहा है कि, ‘ गीता प्रेस को शांति पुरस्कार मिलना बहुत ही […]
लखनऊ। गोरखपुर के गीता प्रेस को लेकर सियासत लगातार जारी है. इसको सरकार द्वारा साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. अब इस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है. सीएम योगी ने कहा है कि, ‘ गीता प्रेस को शांति पुरस्कार मिलना बहुत ही गौरव की बात है. पिछले 100 सालों से गीता प्रेस हिंदू धर्म की रक्षा कर रहा है.’
भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का 'गांधी शांति पुरस्कार' प्राप्त होने पर हृदय से बधाई।
स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा।
इसके लिए आदरणीय…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 18, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने पर ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि 100 सालों से ज्यादा वक्त से गीता प्रेस रामचरित मानस से लेकर श्रीमद्भगवद्गीता जैसे पवित्र हिंदू ग्रंथों को नि:स्वार्थ भाव से लोगों तक पहुंचाने का अद्भुत कार्य कर रही है. इसी वजह से गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलना उनकी ओर से किए जा रहे भागीरथ कार्यों का सम्मान भर है. केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे लिखा कि गीता प्रेस को यह पुरस्कार अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन लाने की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है.
यूपी के गोरखपुर की गीता प्रेस को साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार मिलने पर सियासत जारी है. इस बीच कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने इस विवाद पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि भाजपा, कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी घोषित करना चाहती है. इसी वजह से कांग्रेस में जिम्मेदार पदों पर बैठे नेताओं को गीता प्रेस के खिलाफ कुछ भी कहने से बचना चाहिए. गीता प्रेस के खिलाफ कुछ भी कहना हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.