राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पीसी में एक पत्रकार ने जब उनसे पूछा कि इसकी क्या गारंटी है कि जो घोषणाएं उन्होंने अपने बजट में की हैं वह चुनाव आने तक पूरी कर ली जाएंगी. इसके जवाब में मुख्यमंत्री राजे बोल पड़ीं कि इसकी कोई गारंटी नहीं है. बताते चलें कि इस साल सूबे में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी और कांग्रेस चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. हाल में यहां दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में कांग्रेस ने तीनों सीटों पर बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी.
जयपुरः राजस्थान सरकार ने सोमवार को विधानसभा में अपना आखिरी बजट पेश किया. बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. इस दौरान एक पत्रकार का सवाल वसुंधरा राजे पर भारी पड़ गया. पत्रकार ने सीएम राजे से पूछ लिया कि इसकी क्या गारंटी है कि जो घोषणाएं उन्होंने अपने बजट में की हैं वह चुनाव आने तक पूरी कर ली जाएंगी. इसके जवाब में मुख्यमंत्री बोल पड़ीं कि इसकी कोई गारंटी नहीं है. मुख्यमंत्री के इस बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
वसुंधरा राजे के इतना कहते ही वहां मौजूद पत्रकार सकते में आ गए. हालांकि माहौल भांपते हुए सीएम ने फौरन जवाब देते हुए आगे कहा कि उनकी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि चुनाव आने से ठीक एक महीने पहले तक इस बजट में जो भी घोषणाएं की गई हैं उन्हें पूरा किया जा सके. गौरतलब है कि 78 पेज के 259 बिंदुओं वाले इस बजट को पेश करते हुए सीएम राजे ने तीन बार शायराना अंदाज में अपनी बात रखी. बजट भाषण में सीएम ने कहा है कि उनकी सरकार ने सशक्त राजस्थान बनाने का संकल्प लिया था. इसके लिए सरकार ने निवेश, बेरोजगारी, कौशल विकास पर खास तौर पर फोकस रखा है. राजे ने बाड़मेर रिफाइनरी का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट राजस्थान की सूरत बदलेगा. इससे 1 लाख रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. नए एमओयू से 40 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई. बजट में सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया गया. प्रॉपर्टी कारोबारियों को राहत देते हुए डीएलसी रेट घटाए गए.
बताते चलें कि इस साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. राज्य सरकार ने चुनाव के चलते लोकलुभावन बजट पेश किया है. सरकार के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं होगा कि आचार संहिता लागू होने से पहले बजट में की गई घोषणाएं पूरी कर ली जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो विपक्ष इस मुद्दे के साथ बीजेपी पर हावी होते हुए इसे जनता के बीच रख सकता है. बता दें कि हाल में राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. उपचुनाव में बीजेपी को तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि यह वसुंधरा सरकार के खिलाफ जनादेश है, इससे साफ जाहिर होता है कि इस साल होने वाले चुनाव में कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी कर रही है क्योंकि सूबे की जनता राजे सरकार से त्रस्त हो चुकी है.
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