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महाराष्ट्र : कैबिनेट की मीटिंग खत्म, नहीं शामिल हुए ठाकरे सरकार के 8 मंत्री

मुंबई, एमएलसी चुनाव के बाद आज यानि बुधवार को महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में उथल पुथल और भी बढ़ गई है. जहां आज उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफ़ा देने की खबरें तेज़ हैं. वहीं इसी बीच ठाकरे और राज्यपाल कोश्यारी को कोरोना भी हो गया है. इस दौरान सियासी संकट को लेकर […]

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  • June 22, 2022 3:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

मुंबई, एमएलसी चुनाव के बाद आज यानि बुधवार को महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में उथल पुथल और भी बढ़ गई है. जहां आज उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफ़ा देने की खबरें तेज़ हैं. वहीं इसी बीच ठाकरे और राज्यपाल कोश्यारी को कोरोना भी हो गया है. इस दौरान सियासी संकट को लेकर चल रही कैबिनेट की मीटिंग भी ख़त्म हो चुकी है. ख़बरों की मानें तो मीटिंग में उद्धव ठाकरे सरकार के 8 मंत्री नहीं शामिल हुए। इस मीटिंग में सीएम के इस्तीफे या विधानसभा भंग करने का कोई प्रस्ताव नहीं आया। इसके अलावा मीटिंग के अंत में सीएम ठाकरे के यह भी कहने की खबर है कि “हम देखते हैं कि आगे क्या होगा.”

नहीं शामिल हुए ये मंत्री

– एकनाथ शिंदे
– गुलाबराव पाटिल
– दादा भूसे
– संदीपन भुमरे
– अब्दुल सत्तार
– शंभूराज देसाई (राज्यमंत्री)
– बच्चू कडू
– राजेंद्र येद्रावकर

क्या बोले एकनाथ शिंदे

शिवसेना से की गई बगावत को लेकर एकनाथ शिंदे ने साफतौर पर कह दिया है कि 40 विधायक यहां मौजूद हैं हम सब बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और उनकी भूमिका को आगे ले जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा है कि ‘हम बालासाहेब के हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और इसे आगे भी ले जाएंगे. बता दें, इससे पहले शिवसेना के बागी विधायक गुजरात से निकलकर बुधवार सुबह गुवाहाटी पहुंचे हैं. जहां बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे शिंदे ने कहा है कि वह शिवसेना नहीं छोड़ने वाले हैं.

क्या है गणित

बता दें कि शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में एक सीट खाली है. ऐसे में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत के साथ सत्ता में रहने के लिए फिलहाल 144 विधायकों की जरूरत है. वहीं साल 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 105 सीट जीती थी. जो कि पंढरपुर विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद अब 106 हो गई है.

शिवसेना के फिलहाल 55 विधायक हैं, एनसीपी के 53 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. सदन में 13 निर्दलीय हैं. तेरह निर्दलीय उम्मीदवारों में से छह बीजेपी के समर्थक हैं, पांच ने शिवसेना को समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस और NCP को एक-एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है.

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