बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार यानी 7 जुलाई को बेंगलुरु विधानसभा में बजट पेश किया. राज्य विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद ये कांग्रेस सरकार का पहला बजट है. वहीं बतौर सीएम सातवीं बार बजट पेश किया है. अब तक किसी भी मुख्यमंत्री या वित्त मंत्री ने इतनी बार बजट […]
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार यानी 7 जुलाई को बेंगलुरु विधानसभा में बजट पेश किया. राज्य विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद ये कांग्रेस सरकार का पहला बजट है. वहीं बतौर सीएम सातवीं बार बजट पेश किया है. अब तक किसी भी मुख्यमंत्री या वित्त मंत्री ने इतनी बार बजट पेश नहीं किया है. इससे पहले कर्नाटक के सीएम ने कहा कि संभावना है कि राज्य का बजट 3,35,000 करोड़ रुपये हो जो पिछले साल के बजट के मुकाबले 25,000 करोड़ रुपये ज्यादा है.
Karnataka Budget allocation 2023-2024 | Rs 37,587 Crores allocated for Education, Rs 24,166 Crores for Women and Child Development. This is 11% and 7% respectively of the total budget allocation. Rs 14,950 Crores – 4% of the total allocation – allocated for Health and Family…
— ANI (@ANI) July 7, 2023
गौरतलब है कि पिछली बार राज्य में भाजपा की सरकार ने बजट पेश किया था जो 3.08 लाख करोड़ रुपये था. इस साल के बजट में कई मुख्य घोषणाएं शामिल की गई हैं जिसमें कुल व्यय 3,27,747 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा राजस्व व्यय 2,50,933 करोड़ रुपये होने का ऐलान किया गया है.
वहीं पूंजीगत व्यय 54,374 करोड़ रुपये और ऋण चुकौती 22,441 करोड़ रुपये होने की घोषणा कर्नाटक बजट आवंटन 2023-2024 में सभी वर्गों को ध्यान में रखा गया है जहां हर वर्ग के लिए कितना खर्चा किया जाएगा ये भी स्पष्ट किया गया है. इसमें शिक्षा के लिए 37,587 करोड़ रुपए, महिला और बाल विकास के लिए 24,166 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. ये राज्य के कुल बजट का 11 और 7 फ़ीसदी हिस्सा है. वहीं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए 14,950 करोड़ रुपए आवंटित किए गए जो कि कुल आवंटन का 4% है.
बता दें, राज्य में पहले ही कांग्रेस सरकार के सामने पांच गारंटियों को लागू करने की चुनौती है जो कुछ हद तक पूरी भी होती दिख रही है. इसी कड़ी में सीएम सिद्धारमैया ने पांच गारंटियों पर बोलते हुए कहा कि इन्हें पूरा करने के लिए राज्य सरकार सालाना लगभग 52,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी. वहीं करीब 1.3 करोड़ परिवारों को राज्य सरकार की पांच गारंटियों से लाभ मिलेगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इससे पहले साल 2013 से लेकर 2018 तक बजट पेश कर चुके हैं. ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है कि जब कोई मुख्यमंत्री इतने अधिक बार बजट पेश कर रहा हो.