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CM शिवराज की डॉक्टर्स से अपील, हिंदी में लिखें दवाइयों के नाम

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा हिन्दी को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिशों में जुटते रहते हैं. हाल ही में प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी भाषा में करवाने का ऐलान किया गया है वहीं दूसरी ओर शनिवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान भोपाल में डॉक्टर्स को एक ख़ास सुझाव देते […]

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  • October 15, 2022 7:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा हिन्दी को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिशों में जुटते रहते हैं. हाल ही में प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी भाषा में करवाने का ऐलान किया गया है वहीं दूसरी ओर शनिवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान भोपाल में डॉक्टर्स को एक ख़ास सुझाव देते नज़र आए.

CM शिवराज की सलाह

दरअसल सीएम शिवराज ने डॉक्टर्स से अपील की है कि वह मरीज के पर्चे पर हिंदी में दवाई का नाम लिखे. शिवराज ने कहा डॉक्टर्स को दवा को हिंदी में लिखने में क्या दिक्कत है? क्रोसिन (दवा का नाम) लिखना है तो उसे हिंदी में नहीं लिख सकते हैं? आखिर इससे क्या परेशानी होगी. ऊपर Rx की जगह श्री हरि लिखो और दवा का नाम लिख दीजिए हिंदी में. शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, यहां गांव-गांव में ऐसे डॉक्टरों की जरूरत है, जो हिंदी में लिखेंगे, आखिर इसमें क्या दिक्कत है? यहां मेरे कई डॉक्टर मित्र बैठे हैं, वे कोई तरीका निकालेंगे.

बच्चों में हिंदी के प्रति सहजता की कमी

बता दें, सीएम शिवराज सिंह चौहान का ये बयान भारत भवन में आयोजित ‘हिंदी विमर्श’ कार्यक्रम के संबोधन के दौरान सामने आया. मुख्यमंत्री ने आगे कहा, गांव के गरीब से गरीब व्यक्ति का ये मानना है कि अगर उसे कुछ बेचकर भी अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाना पड़े तो वह पढ़ाएगा. मैंने एक बच्चे को केवल इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा था क्योंकि उसे अंग्रेजी में दिक्कत थी. वह आगे कहते हैं, ऐसे में जरूरी है कि बुजुर्ग हिंदी के प्रति बच्चों की मानसिकता बनाएं. आप हिंदी के प्रति गौरव का प्रकटीकरण करेंगे तो इससे आपके बच्चों में हिंदी के लिए सहजता आएगी. इसी की शुरुआत और एक नए युग का आरंभ भोपाल से हो रहा है.

हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई

दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा होने के बाद भी कई ऐसे प्रोफेशन हैं जहां इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है. संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल अन्य इक्कीस भाषाओं के साथ हिंदी का विशेष स्थान है. अब हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने अनोखी पहल की है. दरअसल अब मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में करवाई जाएगी. इस प्रोजेक्ट का नाम मंदार रखा गया है. जिसके तहत चार माह के अंदर 3 किताबों का हिंदी अनुवाद भी पूरा हो चुका है.

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