नई दिल्ली : एक बार फिर राजधानी के उपराज्यपाल और सरकार के बीच खींचतान देखी जा रही है. इसी लड़ाई के बीच शुक्रवार (13 जनवरी) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद सीएम केजरीवाल मीडिया के सामने रूबरू हुए. जहां उन्होंने ज़ोर देकर LG पर आरोप […]
नई दिल्ली : एक बार फिर राजधानी के उपराज्यपाल और सरकार के बीच खींचतान देखी जा रही है. इसी लड़ाई के बीच शुक्रवार (13 जनवरी) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद सीएम केजरीवाल मीडिया के सामने रूबरू हुए. जहां उन्होंने ज़ोर देकर LG पर आरोप लगाया हैं कि राजधानी के उपराज्यपाल दिल्ली की सरकार को काम करने से रोक रहे हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान CM केजरीवाल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने एलजी के सामने सुप्रीम कोर्ट का आदेश रखा था. इसके अलावा उन्होंने हाई कोर्ट का ऑर्डर रखा और जोर देकर कहा कि वे किसी भी तरह से दिल्ली सरकार के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते.लेकिन मुख्यमंत्री की मानें तो एलजी कहते हैं कि वह खुद सुप्रीम कोर्ट हैं और उनके पास पूरी ताकत है. उन्होंने यहां तक दावा किया है कि एलजी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सिर्फ एक राय बताया है. केजरीवाल का आरोप है कि ‘LG ने कहा है कि वह Administrator हैं और संविधान के मुताबिक एक Administrator के पास पूरी ताकत रहती है.’
सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर नाराजगी जताई है कि उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली के विकास को बाधित किया जा रहा है. दिल्ली एलजी के पास जो पावर नहीं है वह उसका भी इस्तेमाल कर रहे हैं और राज्य सरकार के कई फैसलों को रोकने का काम कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाए हैं कि MCD चुनावों से पहले LG ने हर विभाग की सैलरी रोक दी थी जो की गलत था. इसी तरह LG की ओर से 10 एल्डर मैन नियुक्त किए गए, उसकी ताकत भी उनके पास नहीं थी.
मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम केजरीवाल ने बताया कि ‘Administrator शब्द दिल्ली का कोई कानून हो या फिर संविधान हर जगह लिखा हुआ है इसका मतलब ये नहीं है कि वह हर जगह हस्तक्षेप करेंगे.’ सीएम केजरीवाल आगे कहते हैं कि इस तरह देखा जाए तो दिल्ली सरकार के पास तो कोई ताकत ही नहीं है.
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