नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी को छठ के पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का सुझाव देने के बाद, दिल्ली सरकार का फैसला सामने आया है. बता दें दिल्ली सरकार की और से 7 नवंबर को छठ के अवसर पर छुट्टी का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस […]
नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी को छठ के पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का सुझाव देने के बाद, दिल्ली सरकार का फैसला सामने आया है. बता दें दिल्ली सरकार की और से 7 नवंबर को छठ के अवसर पर छुट्टी का ऐलान कर दिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी और कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि 7 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक अवकाश रहेगा, ताकि सभी पूर्वांचली भाई-बहन पूरे हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मना सकें।
छठ पूजा, जो कि चार दिनों तक चलने वाला आस्था और श्रद्धा का महापर्व है, विशेष रूप से पूर्वांचल समुदाय के लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस त्योहार के दौरान श्रद्धालु सूर्य देव की उपासना करते हैं और सूर्यास्त को अर्घ्य देने के साथ-साथ उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। वहीं छठ पूजा के तीसरे दिन श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देने के लिए नदियों के किनारे इकट्ठे होते हैं, इसे पर्व का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।
Hon’ble Lt Governor has written to Hon’ble CM, requesting her to move the file for declaring November 7th, 2024 as a Public Holiday, on account of Chhath Puja. pic.twitter.com/SgHHd74cC2
— Raj Niwas Delhi 🇮🇳 (@RajNiwasDelhi) November 1, 2024
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर इस बात का उल्लेख किया था कि छठ पूजा के तीसरे दिन, जब अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है, लोगों के लिए वह विशेष महत्व रखता है। इस दौरान पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि 7 नवंबर को पूर्ण सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए, ताकि इस महापर्व को पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जा सके। इसके साथ ही उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा था कि अवकाश की फाइल पर जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए.
दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद पूर्वांचल से आने वाले सभी नागरिक खुश है. सरकार द्वारा 7 नवंबर को पूर्ण अवकाश के इस फैसले से न केवल पूर्वांचली समुदाय को त्योहार मनाने का अवसर मिलेगा, बल्कि बाकी लोग भी इस पर्व का हिस्सा बन सकेंगे।
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