Arvind Kejriwal on Petrol Diesel Price GST: अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार से पूछा, पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं ला रहे

Arvind Kejriwal on Petrol Diesel Price GST: दिल्ली में सोमवार को वैट में कटौती की मांग कर रहे पेट्रोल पंप मालिकों ने एक दिन के लिए राजधानी के करीब 400 पेट्रोल पंप बंद रखने का फैसला किया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वैट में कटौती से इनकार करते हुए इसके लिए बीजेपी नीत नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

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Arvind Kejriwal on Petrol Diesel Price GST: अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार से पूछा, पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं ला रहे

Aanchal Pandey

  • October 23, 2018 5:16 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः Arvind Kejriwal on Petrol Diesel Price GST: दिल्ली में सोमवार को एक दिन के लिए करीब 400 पेट्रोल पंपों और सैकड़ों सीएनजी पंपों को बंद रखा गया. पेट्रोल पंप मालिकों ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) में कटौती नहीं किए जाने के खिलाफ बंद बुलाया था. पेट्रोल पंप मालिकों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी नीत नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला. केजरीवाल ने सरकार से सवाल किया कि आखिर वह क्यों पेट्रोल-डीजल को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के दायरे में नहीं ला रही? साथ ही केजरीवाल ने ट्वीट कर 4 महानगरों (चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई) में पेट्रोल-डीजल के दामों की तुलना भी की.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘चार महानगरों में तेल के दाम सबसे कम दिल्ली में हैं. मुंबई जहां पेट्रोल-डीजल के दाम सबसे ज्यादा हैं, वहां के पेट्रोल पंप मालिकों ने हड़ताल क्यों नहीं की. इसलिए क्योंकि वहां बीजेपी की सरकार है और दिल्ली में स्ट्राइक के पीछे बीजेपी का हाथ है. बीजेपी को दिल्ली की जनता से माफी मांगनी चाहिए.’ केजरीवाल ने आगे कहा, ‘पिछले चार सालों में पेट्रोल पर अनाप शनाप टैक्स मोदी जी ने लगाया है, हमने नहीं लगाया. मोदी जी टैक्स कम करें और जनता को राहत दें. हम मांग करते हैं कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाए. केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को GST में क्यों नहीं ला रही?’

बताते चलें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ढाई रुपये की कमी की थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी राज्यों से तेल पर वैट अथवा अन्य टैक्सों में कटौती करने की अपील की थी. जिसके बाद बीजेपी शासित राज्यों ने वैट में ढाई रुपये की कमी कर दी थी. बीजेपी शासित राज्यों की जनता को पेट्रोल-डीजल पर पांच रुपये की राहत दी गई लेकिन दिल्ली, केरल, कर्नाटक, ओडिशा जैसे राज्यों ने अपनी ओर से वैट में कटौती नहीं की.

दिल्ली सरकार ने सीमित आय के साधन होने का हवाला देते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर बेहिसाब टैक्स नहीं लगाए हैं. केंद्र सरकार को ढाई रुपये नहीं बल्कि 10 रुपये की कटौती करनी चाहिए थी. यूपी और हरियाणा में तेल की कीमतें 5 रुपये कम होने के बाद बॉर्डर से सटे लोग (जो दिल्ली से पेट्रोल-डीजल भरवाते थे) पेट्रोल-डीजल के लिए नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव व हरियाणा बॉर्डर से सटे शहरों का रुख करने लगे. नतीजतन दिल्ली में तेल की बिक्री में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई.

पेट्रोल पंप मालिकों की मानें तो दिल्ली में पेट्रोल की बिक्री में जहां 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है तो डीजल की बिक्री 30 फीसदी तक कम हो गई है. दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (DPDA) के सदस्यों की मांग है कि दिल्ली सरकार जल्द पेट्रोल-डीजल पर लगे वैट को कम करे ताकि तेल की बिक्री में गिरावट के फर्क को पाटा जा सके. बताते चलें कि सोमवार को ऑटो और टैक्सी यूनियन ने भी दिल्ली सरकार की नीतियों के विरोध में हड़ताल पर जाने का फैसला किया था. बहरहाल दिल्ली वालों के लिए सोमवार का दिन बेहद मुश्किल भरा रहा. पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि अगर दिल्ली सरकार वैट में कटौती नहीं करेगी तो आगे वह लोग बेमियादी हड़ताल करेंगे.

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