नई दिल्ली : सनातन संस्कृति की अमूर्त धरोहर महाकुंभ को स्वच्छता के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस बार स्वच्छ महाकुंभ का आह्वान किया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार महाकुंभ में पूरे मेला क्षेत्र और […]
नई दिल्ली : सनातन संस्कृति की अमूर्त धरोहर महाकुंभ को स्वच्छता के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस बार स्वच्छ महाकुंभ का आह्वान किया है। इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार महाकुंभ में पूरे मेला क्षेत्र और पार्किंग स्थलों पर 1.5 लाख शौचालय और मूत्रालय लगाए जाने हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इन शौचालयों की सफाई को लेकर है।
इसके लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। श्रद्धालुओं के लिए विशेष शौचालय मेले में क्यूआर आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए शौचालयों में स्वच्छता सर्वेक्षण किया जाएगा। एक विशेष ऐप के जरिए जिस शौचालय में गंदगी मिलेगी, उसे चंद मिनटों में साफ कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, सफाई के लिए जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम अपनाया जाएगा, ताकि मैनुअल सफाई की जरूरत न पड़े।
इसी तरह सेप्टिक टैंक को खाली करने के लिए सेसपूल ऑपरेशन प्लान भी तैयार किया गया है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में इस बार 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की उम्मीद है। जेट स्प्रे से तुरंत होगी सफाई। आकांक्षा राणा ने बताया कि इस बार सफाई की ऐसी व्यवस्था की गई है कि शौचालयों को हाथ से साफ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जेट स्प्रे सफाई व्यवस्था के जरिए चंद सेकेंड में ही शौचालय पूरी तरह साफ हो जाएंगे।
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