Advertisement
  • होम
  • राज्य
  • 8वीं किताब में लड़कियों को पढ़ा रहे- यौन उत्पीड़न से बचने के लिए भड़काऊ कपड़े न पहनें, लड़कों से दूर रहें

8वीं किताब में लड़कियों को पढ़ा रहे- यौन उत्पीड़न से बचने के लिए भड़काऊ कपड़े न पहनें, लड़कों से दूर रहें

तमिलनाडु के स्कूलों में लड़कियों को लड़कों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है. 8वीं की किताब में लड़कियों से कहा गया है कि वो अगर बस, ऑटो और ट्रेन से स्कूल जाती हैं तो उस दौरान लड़कों से दूर रहें. साथ ही भड़काऊ कपड़े न पहनें.

Advertisement
Text book Tamilnadu sexual abuse prevention girl responsibility
  • April 21, 2018 2:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

चेन्नईः तमिलनाडु में स्कूली छात्रों को यौन उत्पीड़न से बचने की अजीबोगरीब सलाह दी जा रही है. 8वीं की किताब में छात्राओं को यौन उत्पीड़न से बचने के लिए सलाह दी जा रही है कि अगर वह बस, ऑटो और ट्रेन से स्कूल आती-जाती हैं तो उस दौरान लड़कों से दूर रहें. साथ ही भड़काऊ कपड़े नहीं पहनें. इस चैप्टर का अंश सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.

चैप्टर में लड़कियों को सलाह दी गई है, ‘जब आप ऑटो, बस या ट्रेन से स्‍कूल जा रहे हों तो अपोजिट सेक्‍स के लोगों से सुरक्षित दूरी बनाकर रखें. बैठने के तौर-तरीकों पर विशेष ध्‍यान दें और भड़काऊ कपड़े न पहनें.’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तमिलनाडु सरकार के समाचीर काल्वी (संतुलित शिक्षण) व्यवस्था के तहत पब्लिश विज्ञान की किताब में बाल यौन उत्पीड़न से बचाव के लिए ये तरीके लड़कियों को बताए गए हैं. राज्य सरकार पिछले 12 वर्षों से इस किताब को प्रकाशित कर रही है. 19 अप्रैल को इसे ऑनलाइन किया गया था.

सोशल मीडिया पर किताब के चैप्टर का अंश वायरल हो रहा है. जिसके बाद अधिकांश लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की शिक्षा उचित नहीं है. यह शिक्षा लड़के-लड़कियों के बीच फासले और उनके बीच वैचारिक दूरी को बढ़ा रही है. विशेषज्ञों का आरोप है कि किताब में लिखी बातें वैचारिक रूप से पीड़िता को ही यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार ठहरा रहीं हैं. स्‍कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव प्रदीप यादव ने इस बारे में जानकारी होने से इनकार किया. राज्‍य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) का कहना है कि किताब को 12 साल पहले मंजूरी मिली थी. सरकार का कहना है कि अब बेहतर सेक्स एजुकेशन को क्लास 6 से ही शामिल किया जाएगा. बता दें कि उन्नाव, कठुआ, सूरत और इंदौर में नाबालिगों और महिला अपराधों से जुड़े मामले इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं.

92 फीसदी मामलों में नाबालिग बच्चियां रिश्तेदारों की हैवानियत का शिकार होती हैं, दोषियों को फांसी हो- CM शिवराज सिंह चौहान

Tags

Advertisement