भगवान राम पर कथित टिप्पणी को लेकर JNU में छात्रों के बीच झड़प

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सोमवार रात आयोजित संचालन परिषद की बैठक में भगवान राम पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर लेफ्ट संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों के बीच झड़प हो गई। इस घटना के बाद परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। आईसीसी गठन का विरोध सूत्रों के […]

Advertisement
भगवान राम पर कथित टिप्पणी को लेकर JNU में छात्रों के बीच झड़प

Yashika Jandwani

  • October 29, 2024 11:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सोमवार रात आयोजित संचालन परिषद की बैठक में भगवान राम पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर लेफ्ट संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों के बीच झड़प हो गई। इस घटना के बाद परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया है।

आईसीसी गठन का विरोध

सूत्रों के अनुसार, जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने यह बैठक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के चुनाव में शामिल होने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बुलाई थी। बता दें आईसीसी का गठन विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सुनवाई के लिए किया गया है। हालांकि जेएनयूएसयू लंबे समय से आईसीसी के गठन का विरोध करता रहा है और इसके बजाय पुराने जीएससीएएसएच (जेंडर सेंसिटाइज़ेशन कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट) की दोबारा स्थापना की मांग कर रहा है, जिसे 2017 में समाप्त कर दिया गया था।

बैठक के दौरान जबरन प्रवेश

जेएनयूएसयू ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बैठक के दौरान एबीवीपी के सदस्यों ने जबरन प्रवेश किया और उनके पदाधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। संगठन ने कहा कि एबीवीपी के सदस्यों ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय, उपाध्यक्ष अविजित घोष और संयुक्त सचिव मोहम्मद साजिद समेत अन्य छात्रों के साथ धक्कामुक्की की और जातिसूचक टिप्पणियां कीं। उनका यह भी आरोप है कि एबीवीपी ने साजिद को धमकी देते हुए नजीब अहमद का उदाहरण दिया, जो 2016 में लापता हो गया था।

JNU

सदस्यों को डराने का प्रयास

लेफ्ट संगठनों ने अपने बयान में कहा कि एबीवीपी के सदस्य अक्सर यूजीबीएम की बैठक में व्यवधान उत्पन्न करते हैं और हिंसक माहौल बनाते हैं। उनके अनुसार, एबीवीपी ने मंच पर चढ़कर उनके सदस्यों को डराने का प्रयास किया। लेफ्ट संगठनों ने एबीवीपी के सदस्यों पर जातिवादी भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

सावरकर पर की आपत्तिजनक टिप्पणी

वहीं, एबीवीपी ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि विवाद तब बढ़ा जब लेफ्ट संगठनों के सदस्यों ने भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक बातें कहीं। एबीवीपी के अनुसार, लेफ्ट सदस्यों ने अपने भाषण में सावरकर पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे वे आक्रोशित हो गए। एबीवीपी ने लेफ्ट संगठनों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।

घटना के बाद दोनों संगठनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए, जिससे विवाद और बढ़ गया। फिलहाल, इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मामले को लेकर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

यह भी पढ़ें: पप्पू यादव की रातों की नींद उड़ गई है…अगला कदम क्या होगा!

Advertisement