लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के प्रत्याशी और स्टार प्रचारक ताबड़तोड़ जनसभाएं और रैली कर रहे हैं। बीजेपी ने इटावा से प्रो. रामशंकर कठेरिया को मैदान में उतारा है। कठेरिया अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं लेकिन इसी बीच उनकी पत्नी ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जिसके बाद अब बीजेपी […]
लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के प्रत्याशी और स्टार प्रचारक ताबड़तोड़ जनसभाएं और रैली कर रहे हैं। बीजेपी ने इटावा से प्रो. रामशंकर कठेरिया को मैदान में उतारा है। कठेरिया अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं लेकिन इसी बीच उनकी पत्नी ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जिसके बाद अब बीजेपी कैंडिडेट के खिलाफ उनकी पत्नी मृदुला कठेरिया चुनावी अखाड़े में होंगी।
मृदुला ने निर्दलीय अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इंडिया गठबंधन ने इटावा सीट से जितेंद्र दोहरे को टिकट दिया है तो वहीं बसपा ने सारिका सिंह बघेल को उतारा है। इटावा सीट पर चुनावी लड़ाई अब दिलचस्प हो गई है। मालूम हो कि बीजेपी नेता की पत्नी 2019 में भी दावेदारी कर चुकी हैं लेकिन उस समय उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। हालांकि इस बार उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को आजादी मिलनी चाहिए। महिलाओं को भी हक है कि वो अपना फैसला खुद ले सकें। इसलिए हमने नामांकन दाखिल कर दिया है, इस बार वापस नहीं लेंगे।
बता दें कि बीजेपी कैंडिडेट रामशंकर कठेरिया भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी हैं। कम उम्र में ही वो आरएसएस से जुड़ गए थे। आगरा लोकसभा सीट से दो बार सांसद बन चुके हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें इटावा से उतारा था, जहां से तीसरी बार सांसद बनें। इस सीट से उन्होंने सपा उम्मीदवार को 65 हजार वोट से शिकस्त दी थी। रामशंकर कठेरिया धानुक समुदाय से आते हैं। पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में वो मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर भी चुनाव लड़ चुके हैं।
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