बंगाल में सीआईडी ने भाजपा विधायक की बेटी से की पूछताछ, एक और घोटाले का हो सकता है खुलासा

  कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर मचा तूफान थमा भी नहीं था कि सीआईडी की एक टीम ने सोमवार को दूसरी बार बांकुड़ा पहुंचकर बीजेपी विधायक की बेटी से पूछताछ की। दरअल, तृणमूल कांग्रेस ने बांकुड़ा के विधायक नीलाद्री शेखर दाना पर अपनी बेटी मैत्री दाना को नदिया जिले के कल्याणी […]

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बंगाल में सीआईडी ने भाजपा विधायक की बेटी से की पूछताछ, एक और घोटाले का हो सकता है खुलासा

Mohmmed Suhail Mewati

  • August 2, 2022 11:38 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर मचा तूफान थमा भी नहीं था कि सीआईडी की एक टीम ने सोमवार को दूसरी बार बांकुड़ा पहुंचकर बीजेपी विधायक की बेटी से पूछताछ की। दरअल, तृणमूल कांग्रेस ने बांकुड़ा के विधायक नीलाद्री शेखर दाना पर अपनी बेटी मैत्री दाना को नदिया जिले के कल्याणी स्थित एम्स में अवैध रूप से नियुक्त कराने का आरोप लगाया है।

दो सांसदों, विधायकों समेत 8 लोगों पर आरोप

बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद से ममता सरकार की किरकिरी तो हुई है। इस मामले में जिस तरह से सीआईडी ने तत्परता दिखाई है, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि बंगाल में एक और घोटाले का खुलासा हो सकता है। इस मामले में भाजपा के दो सांसदों, विधायकों समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ एम्स में अवैध रूप से नौकरी दिलाने का आरोप लगाया गया है। मामला कल्याणी थाने में दर्ज कराया गया था। नीलाद्री खुद एक एडवोकेट हैं। वहीं, इसी नियुक्ति मामले में इससे पहले भी भाजपा के विधायक बंकिम घोष के घर जाकर सीआईडी ने उनकी पुत्रवधु से भी पूछताछ की थी।

जानकारी के मुताबिक बीजेपी विधायक नीलाद्री शेखर दाना ने कथित तौर पर अपनी बेटी मैत्री दाना को कल्याणी एम्स में नौकरी दिलाने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है। सोमवार को चार सीआईडी अधिकारी विधायक के घर पहुंचे थे।

इन पर भी हैं आरोप

वहीं, बांकुड़ा विधायक नीलाद्री शेखर दाना के अलावा आरोपियों की सूची में बांकुड़ा के सांसद और राणाघाट के सांसद जगन्नाथ सरकार, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार, चकदा के विधायक बंकिम घोष और आठ भाजपा नेता शामिल हैं। इनमें बांकुड़ा विधायक नीलाद्री शेखर दाना की बेटी मैत्री दाना और चकदा विधायक बंकिम घोष की बहू अनुसुइया घोष फिलहाल एम्स में कार्यरत हैं। सुभाष सरकार ने कहा था कि कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने अवैध रूप से किसी की नियुक्ति कराई है तो वह राजनीति छोड़ देंगे।

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