पटना। लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का वक्त बचा है। बिहार में भी सभी राजनीतिक दल इसको लेकर तैयारियों में लगे हुए हैं। वहीं जमुई और हाजीपुर की सीट पर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच कौन लड़ेगा इस पर बहस चल रही है। बता दें कि दोनों […]
पटना। लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का वक्त बचा है। बिहार में भी सभी राजनीतिक दल इसको लेकर तैयारियों में लगे हुए हैं। वहीं जमुई और हाजीपुर की सीट पर चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच कौन लड़ेगा इस पर बहस चल रही है। बता दें कि दोनों ही दल एनडीए का हिस्सा हैं। जमुई में चुनाव लड़ने के सवाल पर चिराग पासवान ने मीडिया से कहा कि यह समय बताएगा। उन्होंने कहा कि जमुई की जनता को मैं निराश नहीं कर सकता हूं। आने वाले समय में क्या चीजें सामने आती है, में भविष्य वक्ता नहीं हूं। अभी उन बातों को तय नहीं कर सकता यकीनन एक ऐसी परिस्थिति जरूर बनती है।
चिराग ने कहा कि यहां पर हाजीपुर भी लोकजनशक्ति रामबिलास ही लड़ेगी और जमुई भी लोकजनशक्ति रामबिलास ही लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हम प्रयासरत हैं की अगर हाजीपुर हमारी मां जाति है तो हमारे लिए राह आसान होगी। उन्होंने कहा कि जमुई से ही हम लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर मेरी कोई ऐसी स्थिति बनती है तो अगर मेरी मां चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं होती है तो ऐसे में लोग जनशक्ति रामविलास संसदीय बोर्ड अंतिम में फैसला लेगा। वह हमको स्वीकार करना होगा।
चिराग ने कहा कि स्थिति कोई भी हो जमुई से जो मेरा रिश्ता पिछले 9 सालों में रहा है वह रिश्ता वैसे ही बरकरार रहेगा। आने वाले दिनों में हम चुनाव लड़े या पार्टी से कोई और यहां से चुनाव लड़े हम जिस भूमिका में थे जैसा हमने कहा बेटा,युवा बन कर आए थे और बुजुर्ग बनकर ही यहां से जाएंगे। भले हम औपचारिक रूप से यहां के सांसद हो या नहीं हो पर जो रिश्ता यहां के लोगों से है मेरा वह रिश्ता मेरा हमेशा कायम रहेगा।