लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मोबाइल गेम की लत एक बच्चे के जीवन पर भारी पड़ गई। राठ कोतवाली क्षेत्र के पठानपुरा इलाके में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले मनीष ने मोबाइल गेम के कारण आत्महत्या कर ली, जिससे परिवार सदमे में है. मनीष के परिवार ने उसे कई बार गेम खेलने से […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मोबाइल गेम की लत एक बच्चे के जीवन पर भारी पड़ गई। राठ कोतवाली क्षेत्र के पठानपुरा इलाके में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले मनीष ने मोबाइल गेम के कारण आत्महत्या कर ली, जिससे परिवार सदमे में है. मनीष के परिवार ने उसे कई बार गेम खेलने से मना किया था, लेकिन उसकी लत इतनी बढ़ गई थी कि वह मानने को तैयार नहीं था। आखिरकार उसने घर की दूसरी मंजिल पर चद्दर से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
मनीष के पिता रामप्रताप राठ तहसील में राजस्व कर्मी हैं. घटना को बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका बेटा मनीष मोबाइल और लैपटॉप पर दिन-रात पबजी जैसे गेम्स में डूबा रहता था। मनीष के माता-पिता उसे बार-बार समझाते थे कि इस तरह के गेम्स से दूर रहें, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं था और लगातार गेम्स खेलता रहता था। वहीं देखते ही देखते इतनी बढ़ गई कि उसने अपनी जान देने का फैसला कर लिया। जब परिजनों ने उसे फांसी के फंदे पर लटका हुआ देखा तो परिवार के सभी सदस्यों के होश उड़ गए।
घटना के बाद परिजन आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को बिना सूचित किए मनीष का अंतिम संस्कार कर दिया। हालांकि राठ थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह ने घटना की पुष्टि की और कहा कि मनीष मोबाइल गेम का आदी था, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया। उन्होंने यह भी बताया कि मोबाइल गेम्स की लत के कारण कई मासूम बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं, जो एक गंभीर समस्या है।
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