मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार विधानसभा चुनावों में जीत का बिगुल बजाने के लिए तैयार है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि महायुति सरकार ने इस रक्षाबंधन यानी 17, अगस्त को राज्य की 2 करोड़ महिलाओं को मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना की सौगात देकर उनसे अपने रिश्ते पक्के कर लिए हैं। राजनीतिक पंडितों का […]
मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार विधानसभा चुनावों में जीत का बिगुल बजाने के लिए तैयार है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि महायुति सरकार ने इस रक्षाबंधन यानी 17, अगस्त को राज्य की 2 करोड़ महिलाओं को मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना की सौगात देकर उनसे अपने रिश्ते पक्के कर लिए हैं। राजनीतिक पंडितों का दावा है कि यह योजना आगामी चुनावों में महायुति सरकार के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकती है।
महाराष्ट्र सरकार की यह योजना राज्य की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाती है। इस योजना के तहत राज्य की सभी महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपए दिए जा रहे हैं। रक्षाबंधन के मौके पर 17 अगस्त को इसकी शुरुआत की गई थी। सरकार अब तक इस योजना की पांच किस्तें एडवांस में दे चुकी है। इसके अलावा इस योजना को अब तक दो बार आगे बढ़ाया जा चुका है ताकि हर पात्र बहन को इस योजना का लाभ मिल सके। सरकार ने बहनों की आर्थिक मदद कर उनका विश्वास जीता है। सरकार की इस योजना से अब तक 2 करोड़ महिलाओं को लाभ हुआ है। विपक्ष की नकारात्मक टिप्पणियों के बाद भी महाराष्ट्र में भाजपा अपनी बहनों के पीछे भाई की तरह मजबूती से खड़ी रही।
रक्षाबंधन के अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस योजना की नींव रखी। हालांकि इस दौरान विपक्ष ने कई भ्रम फैलाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ चुनावी जुमला है, इसे भविष्य में बंद कर दिया जाएगा। लेकिन, सरकार ने भरोसा जताया कि यह भविष्य में भी जारी रहेगी। इसके अलावा महायुति सरकार ने इस योजना के पारिश्रमिक को डेढ़ हजार से बढ़ाकर दो हजार, ढाई हजार, तीन हजार करने का इरादा भी जताया है।
इस योजना की शुरुआत 12 साल पहले स्वर्गीय श्री मनोहर पर्रिकर (गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री) ने की थी और बाद में इसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और अब महाराष्ट्र में लागू किया गया। लड़की बहन योजना के लिए अब तक 7,500 रुपये की पांच किस्तें दी जा चुकी हैं। इस पैसे से कई बहनों ने दुनिया में अपना योगदान दिया है और कुछ ने अपने सपने पूरे किए हैं। इस साढ़े सात हजार रुपये से छोटे-बड़े कारोबार शुरू करने वाली कुछ प्यारी बहनों की सफलता की कहानियां भी सामने आने लगी हैं। सरकार की इस पहल ने महिलाओं को स्वावलंबी बनाया है। विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने अब तक इस योजना के तहत 46 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
लड़की बहन योजना की छठी किस्त जल्द ही यानी दिसंबर में मिलने वाली है। इस योजना के लिए बजट में ही राशि उपलब्ध करा दी गई है। योजना के शुभारंभ के बाद लाभार्थी महिलाओं ने महायुति सरकार को फिर से सत्ता में लाने की बात कही। इस योजना को महागठबंधन सरकार के पक्ष में माना जा रहा है।
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