चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 18 अक्टूबर 2024 शुक्रवार को राज्य के शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की शुरुआत करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार उनकी सरकार टीचर्स , स्टूडेंट्स और स्कूलों में बड़ा निवेश कर रही है। उन्होंने फिनलैंड में ट्रेनिंग के लिए रवाना होने वाले प्राइमरी टीचर्स के […]
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 18 अक्टूबर 2024 शुक्रवार को राज्य के शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की शुरुआत करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार उनकी सरकार टीचर्स , स्टूडेंट्स और स्कूलों में बड़ा निवेश कर रही है। उन्होंने फिनलैंड में ट्रेनिंग के लिए रवाना होने वाले प्राइमरी टीचर्स के पहले बैच को हरी झंडी दिखाई है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, आज का दिन पंजाब के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे 72 प्राइमरी अध्यापकों को पेशेवर शिक्षा के लिए फिनलैंड भेजा जा रहा है। यह न केवल एक नए देश की यात्रा है, बल्कि नयी शिक्षा तकनीकों और बेहतरीन रिवायतों को समझने का अवसर है, जो पंजाब की शिक्षा प्रणाली को नया स्वरूप देगा।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा को समाज की रीढ़ बताते हुए कहा कि राज्य सरकार हर बच्चे को उच्च स्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि फिनलैंड का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि वहां का शिक्षा ढांचा विश्वभर में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। इस दौरे का उद्देश्य केवल एक कोर्स पूरा करना नहीं, बल्कि शिक्षा के नए तरीकों और क्रिएटिव माइंड सेट को प्रोत्साहित करने वाले माहौल को बढ़ाना है।
भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि यह ट्रेनिंग न केवल क्लासरूम का वातावरण बदलेगा, बल्कि हजारों स्टूडेंट्स के जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली आपसी विचार-विमर्श और छात्र-केंद्रित तकनीकों पर जोर देती है, जिससे स्टूडेंट्स की क्रिएटिविटी और सोचने की क्षमता को बढ़ावा मिलता है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे इस ट्रेनिंग को एक बीज के रूप में देखें, जिससे ज्ञान का विशाल वृक्ष उग सके, जो विद्यार्थियों और समाज के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस ज्ञान को बाकी शिक्षकों तक पहुंचाने के लिए भी प्लेटफार्म तैयार करेगी, ताकि पंजाब के स्कूलों में निरंतर सुधार हो सके।
इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने आम आदमी पार्टी की सरकारों को शिक्षा के क्षेत्र में लीडिंग बताते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी की कई राज्यों में सरकारें होने के बावजूद उनका ध्यान शिक्षा और स्वास्थ्य की बजाय सांप्रदायिक मुद्दों पर रहता है।
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