रायपुर: अप्रैल महीने के शुरुआती दिनों में ही छत्तीसगढ़ के बस्तर वासियों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर ग्रामीण अंचलों में तेज धूप और गर्मी के कारण नदी, तालाब, नाले सूखते जा रहे हैं, यहां के लोगों को झरिया का पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। आपको बता दें […]
रायपुर: अप्रैल महीने के शुरुआती दिनों में ही छत्तीसगढ़ के बस्तर वासियों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर ग्रामीण अंचलों में तेज धूप और गर्मी के कारण नदी, तालाब, नाले सूखते जा रहे हैं, यहां के लोगों को झरिया का पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित चांदामेटा गांव से ऐसी तस्वीर निकलकर सामने आई है, जिसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के ग्रामीण पानी के लिए किस तरह जूझ रहे हैं, इस गांव के ग्रामीण पिछले कई दिनों से साफ पानी के लिए एक कुएं से गंदा पानी दिन रात निकाल रहे हैं. लेकिन यहां साफ पानी ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते इस पानी को थोड़ी बहुत साफ कर ग्रामीण पीने को मजबूर हो रहे हैं और इस पानी से बीमार भी पड़ रहे हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बसे चांदामेटा गांव काफी सुर्खियों में थी, देश की आजादी के 75 साल बाद चांदामेटा गांव में मतदान केंद्र बनाया गया था, जहां के ग्रामीणों ने पहली बार मतदान किया था, लेकिन चुनाव खत्म होने जाने के बाद चांदामेटा की तस्वीर एक बार फिर से बदल गई है. यहां के ग्रामीण बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे हैं, यहां के ग्रामीण प्रशासन से खुश नहीं हैं, यही कारण है कि इस बार ग्रामीण लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दे रहे है।
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