रायपुर: हर किसी को शिक्षा पाने का हक़ है , लेकिन ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। दरअसल नदी पर पुल न होने की वजह से प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं। ये मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के ग्राम रेवापुर के आश्रित ग्राम […]
रायपुर: हर किसी को शिक्षा पाने का हक़ है , लेकिन ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। दरअसल नदी पर पुल न होने की वजह से प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं। ये मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के ग्राम रेवापुर के आश्रित ग्राम लवाईडीह का है। यहां के बच्चे स्कूल जाने के लिए ट्यूब और नाव का सहारा लेने के लिए मजबूर है। बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जाते हैं। आपको बता दें, ग्रामीणों की सुनवाई पिछले 2 दशक से अधिक समय होने के बावजूद नहीं हो पाई है।
सरगुजा जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव के लोग बेहद परेशान है। जब इस गाँव में वर्ष 1991 में घुनघुट्टा बांध का निर्माण किया गया, तो 250 से अधिक ग्रामीण परिवार बांध के दोनों तरफ विस्थापित हो गए। इसके बाद इनकी जिंदगी ऐसी ही चलती रही। मगर बच्चों को शिक्षा सहित लोगों को रोजगार जैसी समस्याओं से जूझना पड़ा।
शिक्षा बेहद जरुरी है। अब इस गाँव के बच्चे स्कूल जाने के लिए अपनी जान की फ़िक्र भी नहीं करते हैं। यहाँ के बच्चे बाँध के एक छोर की तरफ जाते हैं। वहीं कभी-कभी बांध पार करते वक्त काफी दुर्घटनाएं भी होती है। अब सवाल ये उठता है कि सरकार ग्रामीणों के लिए कब तक पुल का निर्माण कराएगी।
नाव से स्कूल जाते हुए बच्चों ने इस पर बात की है, उसने कहा- ‘स्कूल आने जाने में परेशानी होती है। अगर पुल बन जाता तो हम आसानी से स्कूल जा सकते थे। इस गाँव के बहुत सारे बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। हम चाहते हैं जल्दी से यहाँ पुल बन जाए। वहीं एक स्टूडेंट ने कहा, ‘कभी ट्यूब तो कभी नाव में बैठकर हमें ये नदी पार करनी पड़ती है। हमें डर भी लगता है। इसीलिए हम चाहते हैं सरकार जल्दी से पुल बनवा दे। हमारी जान को बहुत खतरा होता है।
इस बात की जानकारी जब क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रीतम राम को दी गई तो उन्होंने कहा कि इस गांव के लोगों की मांग है कि पुल का निर्माण हो। उनका मानना है कि पुल के निर्माण हो जाने से गांव के लोगों के लिए शिक्षा सहित रोजगार के अवसर भी सुधर जाएंगे। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी ग्रामीणों ने दी। मगर यह लंबा पुल होने के वजह से थोड़ी देरी हो रही है।
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