छत्तीसगढ़: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, नंद कुमार साय ने छोड़ी पार्टी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद इस राज्य में पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने 20 दिसंबर को कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है. इसके छोड़ने से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के […]

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छत्तीसगढ़: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, नंद कुमार साय ने छोड़ी पार्टी

Deonandan Mandal

  • December 21, 2023 8:56 am Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद इस राज्य में पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने 20 दिसंबर को कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है. इसके छोड़ने से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान बताया जा रहा है।

नंद कुमार साय इसी साल मई में भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे तब उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ कई आरोप लगाए थे. अब कांग्रेस छोड़ने के बाद तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. बताया जा रहा है कि नंद कुमार का जाना कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं कि इनके जाने से कांग्रेस को कैसे नुकसान हो सकता है।

कौन हैं नंद कुमार साय

सरगुजा के आदिवासी क्षेत्र से नंद कुमार साय आते हैं वह सांसद और एक विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा वह राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस साल जब नंद कुमार साय कांग्रेस में शामिल हुए तो उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था. यह पद राज्य कैबिनेट मंत्री रैंक का था. साय ने विधानसभा चुनाव से पहले कुनकुरी विधानसभा सीट से टिकट मांगा था लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया. इसी निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के वर्तमान सीएम विष्णु देव साय जीते हैं।

कांग्रेस के दिग्गज भी सरगुजा में हारे

बता दें कि नंद कुमार राय सरगुजा आदिवासी बहुल इलाका से आते हैं, यहां भाजपा ने सभी 14 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरगुजा क्षेत्र की सभी 14 सीटें जीती थी. सरगुजा में 6 जिले हैं जहां कुल 14 सीटें हैं. इन सीटों प्रतापपुर, रामानुगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, प्रेमनगर और भटगांव शामिल हैं. यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव तक अपनी सीट नहीं बचा पाए. कांग्रेस को जिस तरह आदिवासी बहुल इलाके में हार मिली है ऐसे में नंद कुमार साय के रूप में कांग्रेस के पास एक बड़ा आदिवासी चेहरा था. पार्टी उनके माध्यम से लोकसभा चुनाव में आदिवासी समाज के उन वोटरों को अपने खेमे में ला सकती थी जिन्होंने विधानसभा में हाथ का साथ नहीं दिया था।

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