नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 20 सीटों के लिए आज (7 नवंबर) मतदान हो रहा है। इन 20 सीटों में कई सीटें ऐसी हैं जिन पर बड़े चेहरे मैदान में उतरे हुए हैं। इन वीआईपी उम्मीदवारों की वजह से इन सीटों को हॉट सीट कहा जा रहा है। इन सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुईं हैं। कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर है, तो कुछ पर त्रिकोणीय मुकाबला है। कौन सा उम्मीदवार किस पर भारी पड़ेगा, इसका पता तो तीन दिसंबर को परिणाम आने के बाद ही चलेगा, लेकिन फिलहाल लोगों में इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है। आइए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे ही वीआईपी प्रत्याशियों के बारे में, कहां से वह खड़े हैं और उनके सामने कौन चुनौती दे रहा ह।
कोटा विधानसभा सीट भी काफी चर्चित है। इस सीट से जनता कांग्रेस की डॉ. रेणु जोगी मौजूदा विधायक हैं। बता दें कि रेणु जोगी इस सीट से लगातार चार बार विधायक रह चुकी हैं। रेणु के विजयी रथ को रोकने के लिए कांग्रेस ने भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले अटल श्रीवास्तव को यहां से टिकट दिया है। वहीं भाजपा से प्रबल प्रताप सिंह जूदेव चुनावी मैदान में हैं। बता दें कि इस बार तीनों के बीच इस बार काफी करीबी फाइट है।
कबीरधाम जिले की कवर्धा सीट से मोहम्मद अकबर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वह वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार में परिवहन मंत्री हैं। इसके अलावा अकबर के पास कानून, वन और पर्यावरण मंत्री का भी चार्ज है। बता दें कि मोहम्मद अकबर चार बार से विधायक हैं और खास बात यह है कि बघेल सरकार में अकबर इकलौते मुस्लिम मंत्री भी हैं। 2018 के चुनाव में सबसे बड़े अंतर से जीतकर मोहम्मद अकबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इनके सामने भाजपा ने विजय शर्मा को उतारा है। विजय शर्मा यहां हुए झंडा विवाद में जेल भी जा चुके हैं।
राज्य के लगातार 15 साल (तीन कार्यकाल) मुख्यमंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता रमन सिंह राजनांदगांव विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। वह एक बार सांसद रह चुके हैं, जबकि 6 बार से विधायक हैं। बता दें कि वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। ऐसे में इस सीट पर भी सबकी नजर बनी हुई है। रमन सिंह के सामने कांग्रेस ने गिरीश देवांगन को खड़ा किया है। गिरीश सीएम बघेल के करीबी बताए जाते हैं।
कोंडागांव विधानसभा सीट से कांग्रेस के मोहन मरकाम उम्मीदवार हैं। वह छत्तीसगढ़ सरकार में SC-ST, OBC और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं। बता दें कि इससे पहले वह छत्तसीगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। 2013 से 2 बार विधायक हैं। उनका मुकाबला भाजपा की लता उसेंडी से होगा, जो की पूर्व मंत्री रह चुकी हैं और इस सीट से विधायक हैं. लता भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
टीएस सिंहदेव अंबिकापुर से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। राज्य के उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव लगातार तीन बार से अंबिकापुर से जीत हासिल कर चुके हैं तीनों बार उन्होंने भाजपा के अनुराग सिंहदेव को ही हराया था। इस बार बीजेपी ने राजेश अग्रवाल को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है।
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