भठिंडा. पिछले महीने 19 अक्टूबर को अमृतसर रेल हादसे में 61 लोगों की मौत हो गई थी. रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर ये लोग रावण जलता हुआ देख रहे थे, तभी अचानक ट्रेन उन्हें रौंदती चली गई. इस घटना को अभी एक महीना भी नहीं हुआ कि लोग वही गलती दोहराते हुए देखे गए. मंगलवार शाम बठिंडा के सरहिंद नहर के पास हजारों लोग रेलवे ट्रैक पर लोग छठ मनाते देखे गए. श्रद्धालुओं में ज्यादातर महिलाएं थीं. उन्होंने रेलवे अधिकारियों और पुलिस की चेतावनी भी अनसुनी कर दी. इस ट्रैक पर रोजाना दर्जनों गाड़ियां गुजरती हैं.
यह जानते हुए भी लोग अपनी जान दांव पर लगाकर छठ मनाने रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए. मंगलवार को रेलवे ट्रैक पर श्रद्धालुओं की भीड़ और स्थिति को संभालने के लिए इलाके में सुरक्षा बढ़ी दी गई. बठिंडा- मलाउट रेल सेक्शन पर हर दिन दर्जनों ट्रेन गुजरती हैं. यह गनीमत रही कि जिस वक्त श्रद्धालु पूजा कर रहे थे तो कोई ट्रेन वहां से नहीं गुजरी.
बठिंडा के जीआरपी हरजिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने श्रद्धालुओं को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं हुए. घटनास्थल पर हमने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे. साथ ही रेलवे अधिकारियों ने लोको पायलटों को यह निर्देश दिया था कि वह इलाके को पार करते समय ट्रेन की रफ्तार कम कर लें. इस घटना पर चिंता जताते हुए एक रेलवे अफसर ने कहा, ”लोगों को हादसों से सबक लेना चाहिए और जिंदगी खतरे में नहीं डालनी चाहिए.” गौरतलब है कि 19 अक्टूबर को हुए अमृतसर रेल हादसे के वक्त भी लोग ट्रैक पर खड़े थे.
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