छपरा. बिहार इस समय ज़हरीली शराब का तांडव चल रहा है. अब तक बिहार के छपरा, सीवान और बेगूसराय में ज़हरीली शराब का सेवन करने से 65 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कई ज़हरीली शराब का सेवन करने से कई लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई है. इस बीच, इस पूरे […]
छपरा. बिहार इस समय ज़हरीली शराब का तांडव चल रहा है. अब तक बिहार के छपरा, सीवान और बेगूसराय में ज़हरीली शराब का सेवन करने से 65 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कई ज़हरीली शराब का सेवन करने से कई लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई है. इस बीच, इस पूरे मामले पर बिहार में सियासत भी हो रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि शराब का सेवन करने से होने वाली मौतों पर कोई मुआवज़ा नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार ने फिर दोहराया कि जो शराब पियेगा, वह मरेगा ही.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीकर अगर लोग मर रहे हैं तो हम मुआव्ज़ाज़ क्यों दें? मुआवज़े का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. बता दें कि भाजपा के नेता शराब से मौत के लिए नीतीश कुमार को ही ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं और उनसे लगातार इस्तीफ़ा भी मांग रहे हैं. ऐसे में, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि सांसों का सौदा करते हुए सत्ता के सौदागर के पास अब सहानुभूति के लिए कुछ है ही नहीं, सत्ता के लिए नीतीश कुमार अंधे-बहरे हो गए हैं और आरजेडी के साथी तो गूंगे ही हो गए हैं.
नीतीश कुमार के बयान पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नीतीश का बयान उनकी लाचारी को दर्शा रहा है, नीतीश कुमार इस समय हताश हैं और अपनी ज़िम्मेदारियों से भागने की कोशिश कर रहे हैं. शराब काण्ड में अब तक 40 लोगों की जान जा चुकी है लेकिन नीतीश कुमार का कहना है कि इस मुद्दे को सदन में नहीं उठाना चाहिए. जिस तरह से इस मुद्दे पर नीतीश कुमार बयान दे रहे हैं वो उनकी लाचारी दर्शा रहा है. उन्हें ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि उनकी शराबबंदी विफल रही है और ये हर कोई देख सकता है.