चारधाम विवाद, जानें किस प्रस्ताव का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित

देहरादून: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस बार शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। इस बार एक सरकारी नियम विवाद का विषय बन गया है। दरअसल इस मौके पर पर्यटन विभाग ने आदेश दिया था कि तीर्थयात्री अपनी कैरिंग कैपेसिटी (वहन क्षमता) के आधार पर ही तीर्थ स्थलों पर जाएँ, जिसके लिए […]

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चारधाम विवाद, जानें किस प्रस्ताव का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित

Amisha Singh

  • March 1, 2023 7:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

देहरादून: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस बार शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। इस बार एक सरकारी नियम विवाद का विषय बन गया है। दरअसल इस मौके पर पर्यटन विभाग ने आदेश दिया था कि तीर्थयात्री अपनी कैरिंग कैपेसिटी (वहन क्षमता) के आधार पर ही तीर्थ स्थलों पर जाएँ, जिसके लिए सभी तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा रजिस्टर अनिवार्य किया गया था। ऐसे में सभी तीर्थ पुरोहित इस नियम के खिलाफ हैं। उनका तर्क है कि यह सरकारी नियम अव्यावहारिक है और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। इस मामले को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने एक दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की थी।

 

1. क्या प्रस्ताव है जिसने विवाद को जन्म दिया?

हाल ही में जोशीमठ में हुई जमीन धँसाव के कारण उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में चारधाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की तादाद प्रतिदिन तय करने का प्रस्ताव दिया था। इसके मुताबिक, केदारनाथ के लिए 15,000, बद्रीनाथ के लिए 18,000, गंगोत्री के लिए 9,000 और यमुनोत्री के लिए 6,000 तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति होगी। इसे लेकर तीर्थ पुरोहित नाराज हैं, हालाँकि इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें भरोसा दिया है।

 

2. तीर्थ पुरोहितों का तर्क यह है

पर्यटन विभाग के प्रस्ताव का विरोध करने वाले तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि यदि प्रतिदिन के यात्रियों व श्रद्धालुओं की सीमा निर्धारित की जाती है तो इससे भ्रम पैदा होने की संभावना है। तीर्थ पुरोहित महापंचायत के मुखिया सुरेश सेमवाल के अनुसार यमुनोत्री में 30 हजार और गंगोत्री में 10 हजार तीर्थयात्री जा सकते हैं, ऐसे में यहाँ तीर्थयात्रियों की सँख्या तय करने का क्या मतलब है। तीर्थ पुरोहित ने यह भी मुद्दा उठाया कि इनमें से कई यात्री ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अगर ये लोग पंजीकरण नहीं कराना चाहते हैं तो क्या िनेहँ यात्रा से वंचित कर दिया जाएगा।

 

3. पर्यटन मंत्री ने क्या कहा?

तीर्थ पुरोहितों के अलावा यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने भी तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने का विरोध करते हुए कहा कि जब यात्रा सुचारू रूप से चली है तो तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित करने का क्या उद्देश्य है। इससे स्थानीय लोगों को नुकसान होता है और पर्यटन मंत्री सतपाल सिंह के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है। हालाँकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने साफ कह दिया है कि चार धाम यात्रा कैरिंग कैपेसिटी के हिसाब से ही होगी।

 

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