Chandigarh power strike: चंडीगढ़, Chandigarh power strike: चंडीगढ़ में कई घंटों की दिक्क्त के बाद फिलहाल चंडीगढ़ में बिजली संकट दूर हो गया है. बिजली संघ ने हड़ताल को वापस ले लिया है और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बिजली आपूर्ति पहले की तरह सामान्य हो गई है. उधर, बिजली संकट को जल्द […]
चंडीगढ़, Chandigarh power strike: चंडीगढ़ में कई घंटों की दिक्क्त के बाद फिलहाल चंडीगढ़ में बिजली संकट दूर हो गया है. बिजली संघ ने हड़ताल को वापस ले लिया है और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बिजली आपूर्ति पहले की तरह सामान्य हो गई है. उधर, बिजली संकट को जल्द से जल्द दूर करने के लिए भारतीय सेना आगे आई थी. इंजीनियरों के साथ भारतीय सेना के तकरीबन 100 से ज्यादा जवान जुटे हुए थे.
जम्मू के बाद यह दूसरी बार है, जब किसी राज्य में इस तरह की स्थिति में सेना को आगे आना पड़ा है. बता दें कि बिजली विभाग के कई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे जिसके चलते चंडीगढ़ में बिजली का संकट गहरा गया था, कई इलाकों में पानी की किल्ल्त हो गई थी तो वहीं छात्रों की ऑनलाइन क्लासेज़ कर वर्क फ्रॉम होम भी इससे बाधित हुआ था. दरअसल, सोमवार को अचानक बिजलीकर्मी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए थे जिससे बिजली का संकट गहरा गया.
बिजलीकर्मियों की ये हड़ताल केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण की फाइल को क्लीयर कर बिजली का काम निजी कंपनी के हाथों में सौंपने के खिलाफ थी. यूनियन का आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बिजली विभाग का निजीकरण करना चाहा है. कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे इसलिए वे हड़ताल पर चले गए थे.
बिजली विभाग के प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ 21 फरवरी को बिजलीकर्मी अचानक 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए थे, जिसके चलते चंडीगढ़ को ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा था. वहीं, बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए चंडीगढ़ के उपराज्यपाल ने सेना से अनुरोध किया था, जिसके बाद मदद के लिए सेना के 100 से ज्यादा जवान जुट गए थे. इसपर भारतीय सेना का कहना था कि लगभग 80 पावर सेंटर को बहाल कर दिया गया है. सेना ने बिजली व्यवस्था का बहाल करने के लिए दिल्ली, जालंधर और अन्य जगहों से भी टीमों को बुलाया था.
बिजलीकर्मियों की हड़ताल के चलते ज्यादातर इलाकों में सोमवार आधी रात को ही बिजली चली गई और मंगलवार तक नहीं आई, वहीं, प्रशासन और बिजली विभाग की नाकामी से सभी व्यवस्थाएं धरी रह गईं, जिससे हाहाकार मच गया. बिजली न होने के कारण कई इलाकों में लोगों को पानी की भारी किल्लत का भी सामना करना पड़ा जिसके बाद लोगों को टैंकर मंगवाने पड़े.