तरुणी गांधी Chandigarh Power Crisis: चंडीगढ़, Chandigarh Power Crisis: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद चंडीगढ़ में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल आज समाप्त हो गई। कर्मचारियों की हड़ताल से चंडीगढ़ शहर में बिजली गुल हो गई जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि प्रशासन द्वारा एमईएस से मदद मांगने के […]
चंडीगढ़, Chandigarh Power Crisis: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद चंडीगढ़ में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल आज समाप्त हो गई। कर्मचारियों की हड़ताल से चंडीगढ़ शहर में बिजली गुल हो गई जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि प्रशासन द्वारा एमईएस से मदद मांगने के बाद कल मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज ने शहर में पॉवर कट को संभालने की कमान संभाली।
कर्मचारी बिजली विभाग का निजीकरण नहीं करने पर अड़े हैं। प्रशासन और कर्मचारियों के बीच की इस लड़ाई में चंडीगढ़ के लोगों को खासी मुशिकले झेलनी पड़ीं। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बिजली विभाग के कर्मचारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो हड़ताल क्यों बुलाई गई। साथ ही हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि मामला घोर उल्लंघन का है और जब मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है तो हड़ताल पर जाना गलत है। लोगों का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित करते हुए कहा कि पहले पूरे शहर की बिजली आपूर्ति बहाल की जाए। इसके बाद अगली सुनवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी दावा किया कि जल्द ही बिजली बहाल कर दी जाएगी। हाईकोर्ट की फटकार के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली।
कर्मचारी तब से ड्यूटी पर लौट आए हैं और बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की है। इस संबंध में बनवारीलाल पुरोहित, प्रशासक, यूटी, चंडीगढ़ ने धर्म पाल, प्रशासक के सलाहकार, कर्नल जसदीप संधू सलाहकार-सह-प्रधान निदेशक, नागरिक सैन्य मामलों, पश्चिमी कमान और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। शहर में बिजली गुल होने की स्थिति लगातार बनी हुई है।
पुरोहित ने पूरे तालमेल के साथ रात भर तकनीकी जनशक्ति को तैनात करके रिकॉर्ड समय में शहर के विभिन्न इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल करने में पश्चिमी कमान सेना के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। बिजली विभाग के कर्मचारियों की छह माह की अवधि की हड़ताल पर रोक लगाने के लिए कल शहर में आवश्यक सेवा (रखरखाव) अधिनियम (एस्मा) लागू किया गया था। यह निर्णय जनहित में लिया गया था, क्योंकि आवश्यक सेवाओं को चल रही हड़ताल के कारण झटका लगा था।
चंडीगढ़ प्रशासन पहले ही शहर में धारा 144 लागू कर चुका है। प्रशासन ने पावर यूनियन के प्रतिनिधियों से बातचीत फिर शुरू की। प्रशासक ने बिजली विभाग के कर्मचारियों को फिर से आश्वासन दिया कि किसी भी प्रशासनिक निर्णय से उनके वेतन और लाभ में बाधा नहीं डाली जाएगी। उन्होंने यह भी अपील की कि कोई भी ऐसा कार्य न दोहराएं जो जनहित में न हो।
अधिकांश क्षेत्रों में फाल्ट की जांच के बाद बिजली बहाल कर दी गई है। प्रशासन निवासियों के सहयोग के लिए उनका आभारी है और उन्हें हुई असुविधा के लिए खेद है। संघ नेता सुभाष लांबा ने कहा कि हम प्रशासन के साथ समझौता कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि संघ अपनी मांगों को लागू करने के लिए कानूनी कार्रवाई करेगा।