पटना : RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नौकरी घोटाले में अब और भी ज़्यादा फंस गए है. दरअसल उनपर अपने कार्यकाल के दौरान नौकरी के बदले जमीन के लेन-देन का आरोप है. इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 12 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया […]
पटना : RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नौकरी घोटाले में अब और भी ज़्यादा फंस गए है. दरअसल उनपर अपने कार्यकाल के दौरान नौकरी के बदले जमीन के लेन-देन का आरोप है. इस मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और 12 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया है. अब CBI को इस घोटाले की जांच करने की अनुमति मिल गई है. बता दें, इस घोटाले को लेकर पहले कई बार छापेमारी भी की जा चुकी है.
दरअसल लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में फ़र्ज़ी तरीके से नौकरी दी थी. इसके बदले में उन्होंने उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा ली थीं. CBI का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर भी कई प्लॉट्स की रजिस्ट्री करवाई गई थी. इसके बदले में जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई थी. दूसरी ओर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई थी उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही इन भारतियों को लेकर सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गई. आवेदन देने के 3 दिन के बाद ही इन लोगों को नौकरी दे दी गई थी.
आरजेडी की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन पार्टी ने इससे पहले जोर देकर कहा था कि जांच एजेंसी यह एक्शन बदले की भावना से कर रही है. इस बयानबाजी के बीच CBI ने 23 सितंबर 2021 को ही मामले में जांच शुरू कर दी थी. CBI द्वारा इस मामले की प्राथमिक जांच में पाया कि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेलवे में जिन लोगों को अवैध रूप से चतुर्थ श्रेणी की नौकरियां दी थीं उसके बदले उनसे औने-पौने दाम पर ज़मीनें खरीदी गई थीं. भ्रष्टाचार निरोधक कानून और आईपीसी की धारा 120बी के तहत इस मामले में 18 मई 2022 को FIR दर्ज़ की गई है.
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