CBI Raid at Ex-UP Minister Gayatri Prajapati Amethi Home: केंद्रीय जांच ब्यूरो, सीबीआई ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अमेठी निवास और कार्यालय में छापे मारे. प्रजापति मार्च 2017 से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोप में जेल में बंद है और राज्य में अवैध खनन का भी आरोप है जब वह खनन मंत्री थे.
अमेठी. केंद्रीय जांच ब्यूरो, सीबीआई ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अमेठी निवास और कार्यालय में छापे मारे. प्रजापति मार्च 2017 से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोप में जेल में बंद है और राज्य में अवैध खनन का भी आरोप है जब वह खनन मंत्री थे. प्रजापति की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने दो बार ठुकरा दिया. सीबीआई टीम सुबह पूर्व मंत्री के घर पहुंची और तलाशी शुरू की. टीम आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामलों पर उनके परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ कर रही है.
बता दें कि जनवरी 2017 में, एक महिला ने आरोप लगाया था कि जिस समय प्रजापति एक मंत्री उन्होंने उसे और उसकी बेटी को खनन का ठेका देने के बहाने अपने आवास पर बुलाया था और उसने और उसके लोगों ने दोनों के साथ बलात्कार किया था. वहीं खनन विभाग के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर सीबीआई खनन घोटाले मामले में भी जांच कर रही है. इसी के बाद संभावना है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी इसका असर पड़े. पहले ही अवैध रेत खनन के एक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सीबीआई जांच करने की संभावना है. सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव 2012 और जून 2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे जिस समय खनन घोटाला हुआ था.
CBI is conducting raids at 22 locations in Uttar Pradesh and Delhi; CBI raid also underway at the premises former UP Minister Gayatri Prajapati in connection with illegal mining case. (Visual from premises of UP Minister Gayatri Prajapati in Amethi) pic.twitter.com/gfFjDnfC0k
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 12, 2019
आईएएस अधिकारी बी चंद्रलेखा भी उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार के तहत अवैध खनन घोटाले में जांच के घेरे में आई थीं. सीबीआई ने अवैध खनन के मामले में पहले भी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कई स्थानों पर छापे मारे थे. उस समय अवैध खनन मामले में हमीरपुर में आईएएस अधिकारी बी चंद्रलेखा सहित वरिष्ठ अधिकारियों के आवास, जिन्होंने बिजनौर, बुलंदशहर और मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के रूप में कार्य किया है, पर छापा मारा गया था.