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दिल्ली सरकार की 2021-22 एक्साइज पॉलिसी केस में अब तक दो गिरफ्तारियां कर चुका है सीबीआई, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली। मनीष सिसोदिया, एक्साइज पॉलिसी बनाने वाले अफसर समेत कुल 13 लोगो के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। सिसोदिया के घर मे घन्टो पूछताछ हो चुकी है अब सोमवार यानि आज भी मनीष सिसोदिया से सीबीआई हेडक्वाटर में पूछताछ होगी।

पहले विजय नायर हुए गिरफ्तार

पहली गिरफ्तारी विजय नायर जो आम आदमी पार्टी का कम्युनिकेशन इंचार्ज और मुंबई बेस्ड एंटरटेनमेंट कंपनी ऑनली मच लाऊडर का पूर्व सीओ है। विजय नायर को 27 सितंबर को अरेस्ट किया गया था। आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के सहायक अर्जुन पांडे ने विजय नायर की ओर से शराब कारोबारी समीर महेंद्रु से करीब दो से चार करोड़ रुपये नकद लिए थे।

अभिषेक बोइनपली के रूप में हुई गिरफ्तारी

दूसरी गिरफ्तारी 10 अक्टूबर को सीबीआई ने अभिषेक बोइनपली की कि थी जो कि हैदराबाद बेस्ड व्यापारी है। इसके एकांउन्ट में 3.85 करोड़ रुपए मिले थे जो अलग अलग एकांउन्ट से होकर आए थे, ये पैसे इंडोस्पिरिट्स के एकांउन्ट से अभिषेक के एकाउंट में आए थे। अभिषेक का दावा था ये पैसे उसने इंडोसप्रिट्स से लोन के तौर पर लिए थे पर वो कोई डॉक्युमेंट्स नही दिखा पाया था एजेंसी को। ये पैसे अभिषेक ने अलग अलग कंपनी और शेयर में इन्वेस्ट किए थे, सीबीआई को जानकारी मिली थी कि एक्साइज पॉलिसी की कई अलग अलग मीटिंग्स में अभिषेक शामिल होता था।

इनसे भी हो चुकी है पूछताछ

इसके अलावा इंडोसप्रिट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर समीर महेंद्रू को एक्साइज केस में 28 सितंबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में अर्जुन पांडे समेत कई आरोपियों से सीबीआई दफ्तर में पूछताछ हो चुकी है।

कुछ इस तरह शुरू हुई थी शराब आबकारी नीति घोटाले की जांच

अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने 2021-22 में नई एक्साइज नीति लागू करवाई थी। जिसपर गड़बड़ियों की शिकायतों को लेकर प्रवीन कुमार राय डायरेक्टर एमएचए ने सीबीआई से इस मामले की गहन जांच करने के ऑर्डर दिए।

जिसके बाद मौजूदा एलजी विनय कुमार सक्सैना के एक लेटर को भी अटैच किया गया जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा 2021-22 की एक्साइज (आबकारी) की नई नीतियों को एप्लाई करने के मामले में गड़बड़ियों का जिक्र किया गया था।

ये था एक्साइज के पूर्व अफसरों का रोल

बता दें कि लैटर में मौजूदा डिप्टी चीफ मिनिस्टर दिल्ली मनीष सिसोदिया के अलावा एक्साइज विभाग के तत्कालीन कमिश्नर अरवा गोपी कृष्णा, एसिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर और डिप्टी कमिश्नर एक्साइज आनंद तिवारी ने एक्साइज की ये नई पॉलिसी की सिफारिश की थी और कन्सर्न अथॉरिटी की परमिशन के बिना ही साल 2021-22 में ये पॉलिसी अप्लाई करवाई जिसका मुख्य उद्देश्य लाइसेंस धारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने से था।

मनीष सिसोदिया के करीबियों का रोल

सूत्रों के हवाले से सीबीआई को ये पता चला कि ओनली मच लाउडर ( जो कि एक एंटरटेन्मेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी है ) के पूर्व सीओ विजय नायर, पेरनोड रिकार्ड कंपनी के पूर्व कमर्चारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप धाल, इंडो स्प्रिट्स के मालिक समीर महेंद्रू का एक्साइज पॉलिसी बनाते हुए उसमे गड़बड़ी करने और इस पॉलिसी को लागू करने में अहम रोल है।

इस तरह होती थी फर्जी एकाउंट्स में एंट्री

बता दें कि सीबीआई को अपने सूत्रों से ये जानकारी मिली कि L1 लाइसेंस होल्डर्स, रिटेल वेंडर्स को कई क्रेडिट नोट्स जारी कर रहे है जिसका मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारियों को फायदा पहुँचाने के लिए फंड्स को डाइवर्ट करना था और इसके बदले में ये एकाउंट्स में गलत एंट्री करके अपना रिकार्ड भी ठीक दिखा रहे थे।

आरोपी अमित अरोड़ा मेसर्स, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे जो कि मनीष सिसोदिया के बेहद करीबी हैं, ये सभी लोग गलत तरीके से एक्साइज अधिकारियों को प्रभावित करके शराब के लाइंसेंस अलग-अलग कंपनी को दिलवा रहे थे।

पैसों का ऐसे हुआ फर्जी ट्रांजेक्शन

आरोपी समीर महेंद्रू ने 1 करोड़ रुपए मेसर्स राधा इंडस्ट्रीज के राजेन्द्र प्लेस स्थित यूको बैंक के एकांउन्ट में ट्रांसफर किए है। ये इंडस्ट्री सिसोदिया के बेहद करीबी दिनेश अरोड़ा की है। इसलिए शक है कि दिनेश अरोड़ा के जरिये लाभ मनीष सिसोदिया तक पहुँचा।

एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि आरोपी अरुण रामचन्द्र पिल्लई गलत तरीके से पैसा इकट्ठा करके एक्साइज अधिकारियों को पहुँचाता था इसके लिए वो विजय नायर नाम के एक शख्स की मदद लेता था।

बता दें कि अर्जुन पांडे ने एक बार तकरीबन 2 से 4 करोड़ रुपए इंडो स्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू से विजय नायर के जरिये लिए भी थे। जो की एक्साइज अधिकारी करीबी बताया जाता है जो मीडियेटर की भूमिका निभाता था।

एफआईआर के अनुसार, महादेव लिकर्स को भी L1 लाइसेंस जारी करवाया गया था। जिस फर्म में सनी मारवा ऑथोराइज़्ड सिग्नेटरी है। सनी मरवा इस केस के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योकि वो उन कंपनियों में भी डायरेक्टर के पद पर है जोकि स्वर्गीय पोंटी चड्डा से संबधित है। जांच में पता चला है कि सनी मारवा एक्साइज अधिकरियों के काफी करीब था और उन्हें गलत तरीके से हमेशा लाभ भी पहुँचाया करता था।

SAURABH CHATURVEDI

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