CBI Director Alok Verma Supreme Court Verdict: सीबीआई डायरेक्टक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सीवीसी को दो सप्ताह के अंदर जस्टिस एके पटनायक की मौजूदगी में जांच पूरी करने की बात कही है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि इस दौरान अंतरिम निदेश नागेश्वर राव कोई बड़ा फैसला नहीं लेंगे. 3 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप लगने के बाद सरकार ने सीवीसी की सलाह पर आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजा था जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
नई दिल्ली. सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी को 2 हफ्ते के अंदर जांच पूरी करने के आदेश दिए है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक की मौजूदगी में सीवीसी को जांच पूरी करनी होगी. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि नागेश्वर राव सीबीआई के अंतरिम निदेशक बने रहेंगे लेकिन कोई बड़ा फैसला नहीं लेंगे और केवल रोजान होने वाले काम का कार्यभार संभालेंगे. कोर्ट ने अस्थाना के मामले को सुनने से आज मना कर दिया.
इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजते हुए कहा है कि पूरी जांच खत्म होने के बाद इसके फैसले को कोर्ट को भेजा जाए. अब अगले महीने की 12 नवंबर को इस मामले की कोर्ट सुनवाई करेगा. सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को सरकार ने जबरन छुट्टी पर भेजा था जिसके बाद उन्होंने सरकार के इस फैसले पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आलोक वर्मा को फौरी राहत नहीं दी गई है. इसके अलवा सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके बाद इस पूरे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ अपनी सुनवाई की. सीबीआई ने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर 2 करोड़ रुपये की रिश्वतखोरी करने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
जिसके बाद राकेश अस्थाना ने डायरेक्टर आलोक वर्मा पर 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया. इस बढ़ते विवाद को देखते हुए सीवीसी की सलाह पर सरकार ने दोनों को जबरन छुट्टी पर भेजा. इस दौरान सीबीआई के नए डायरेक्टर के तौर पर सरकार ने नागेश्वर राव पर अपनी सहमति जताई.