BJP Rath Yatra in West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को झटका देते हुए पश्चिम बंगाल में बीजेपी की तीन रथ यात्राओं को मंजूरी दे दी है. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बीजेपी की रथ यात्रा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद पार्टी ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी. आइए आपको बताते हैं कि राज्य में कब और कहां रथ यात्राएं निकाली जाएंगी.
कोलकाता. कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में बीजेपी की तीन रथ यात्राओं को हरी झंडी दे दी. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बीजेपी की रथ यात्रा पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि इससे राज्य का सांप्रदायिक सौहार्द खराब हो सकता है. बीजेपी ने ममता सरकार के इस कदम को हाई कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट ने बीजेपी के हक में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए.
2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी राज्य की सभी 42 सीटों को कवर करते हुए रथ यात्रा निकालना चाहती है. बीजेपी ने ‘गणतंत्र बचाओ यात्रा’ की तारीखें भी तय कर ली हैं. पहली रथ यात्रा 22 दिसंबर को कूच बिहार से, दूसरी रथ यात्रा 24 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप से और तीसरी रथ यात्रा 26 दिसंबर को बीरभूम जिले के तारपीठ से निकाली जाएगी. इन रथ यात्राओं में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल होंगे.
हाई कोर्ट में ममता सरकार ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का अंदेशा जताने वाली खुफिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिस पर बीजेपी के वकील एसके कपूर ने कहा कि ममता सरकार का इजाजत न देना पहले से तय था और इसका कोई आधार भी नहीं था. कपूर ने कहा कि महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के जमाने में दांडी मार्च किया था, उन्हें किसी ने नहीं रोका और ममता सरकार राजनीतिक रैली की इजाजत देने से इनकार कर रही है. कपूर ने दलील में कहा कि टीएमसी सरकार ने अपने कदम के समर्थन में कोई ठोस तथ्य नहीं रखा और रैली करने का अधिकार संविधान भी देता है.