रायपुर. देश की नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने छत्तीसगढ़ में हुई टेंडर की ई-प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के बीच भाजपा की रमन सिंह सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में टेंडर भरने की प्रक्रिया में घोटाले का दावा किया है. कैग की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें पता चला कि 17 सरकारी विभागों के लिए 4,601 करोड़ रुपये के 1,971 टेंडर भरे गए जिसके लिए 477 ठेकेदारों ने 74 आम कंप्यूटर का इस्तेमाल किया. इससे पता चलता है कि नीलामी की प्रक्रिया से पहले से ही टेंडर भरने वाले ठेकेदार और सरकारी अधिकारी करीब थे.
कैग ने इस मामले में जांच की मांग की है. उन्होंने इस मामले में जांच की मांग के साथ एक समिती के गठन की मांग की है जो आगे इस तरह टेंडर या नीलामी के दौरान होने वाली धांधलेबाजी को रोक सके. कैग ने इस मामले में अपनी ऑडिट रिपोर्ट छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को रखी थी. उन्होंने कहा कि इस दौरान इंकम टैक्स एक्ट का उल्लंघन हुआ है क्योंकि कई ठेकेदारों ने एक ही ईमेल आईडी से टेंडर भरे हैं और 15.44 करोड़ रुपए के पांच टेंडर अनुचित ठेकेदारों को दिए गए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि 17 विभाग द्वारा मांगे गए टेंडर में 4,601 करोड़ रुपये की कीमत के 1,921 टेंडर भरे गए. इस दौरान टेंडर भरने वाले ठेकेदारों में से एक या उससे ज्यादा ठेकेदारों ने उन 74 आम कंप्यूटरों में से ही किसी कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जिसका इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों ने टेंडर भरने के लिए किया. 477 ठेकेदारों में से कोई एक ठेकेदार ऐसा भी रहा जिसे सरकारी कर्मचारी द्वारा इस्तामल कंप्यूटर से टेंडर भरने के बाद 961.26 करोड़ रुपये का टेंडर दे दिया गया.
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